छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में जानकारी के मुताबिक यहां के किस्टाराम के पलौदी के जंगलों में नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ अभी भी जारी है। नक्सलियों और जवानों के बीच फायरिंग जारी है। बात दें कि इस घटना को लेकर आईबी को पहले से सूचना थी।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार 13 मार्च को नक्सली हमला हुआ है। नक्सलियों ने एंटी लैंडमाइन वाहन को आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया है। इस विस्फोट में सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के 9 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं छह जवान घायल हैं। घायलों में से 4 जवानों की हालत गंभीर है।
ताजा जानकारी के मुताबिक यहां के किस्टाराम के पलौदी के जंगलों में नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ अभी भी जारी है। नक्सलियों और जवानों के बीच फायरिंग जारी है। बात दें कि इस घटना को लेकर आईबी को पहले से सूचना थी।
सीआरपीएफ के जवान ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल को रवाना किया गया है। पुलिस बल शवों और घायलों को जंगल से निकालने की कोशिश में लगे हैं। घटना जंगल के भीतर दुर्गम इलाके में हुई है।
सीआरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर दिया है। तकरीबन 100 से ज्यादा नक्सलियों ने जवानों पर हमला किया है। सूत्रों के मुताबिक इस हमले के पीछे पीपल्स लिबरेशन ग्रुप का हाथ बताया जा रहा है।
बता दें कि पिछले साल 2017 के अप्रैल महीने में भी सुकमा में नक्सलियों के घात लगाकर हमला किया था। जिसमें सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे। ये सभी जवान सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के थे। जब यह हमला हुआ सीआरपीएफ के जवान टीम रोड ओपनिंग के लिए जा रहे थे।
इसके अलावा 25 मई 2013 में भी छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया। इस हादसे 25 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल भी मारे गए थे। वहीं, 6 अप्रैल 2010 में दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार में सीआरपीएफ के 75 जवानों को मार दिया गया था।