वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने अंग्रेजी पत्रिका द वीक में लेख लिखकर बताया है कि अगर वो मुसलमान होतीं तो उन्हें आज के भारत में कैसा लगता? बरखा ने अपने लेख का लिंक ट्विटर पर शेयर किया तो ट्रॉल को उनका जवाब नहीं पचा।
कई ने तो बगैर लेख पढ़े ही उन पर कमेंट कर दिया तो कुछ ने उन्हें शादीशुदा बताते हुए कह दिया कि “उनका पति मुसलमान है?” बरखा ने ऐसे यूजर्स को जवाब देते हुए साफ कहा कि वो शादीशुदा नहीं हैं। वहीं बरखा ने कुछ यूजर्स को जवाब देते हुए लेख पढ़ने की सलाह दी।
बरखा ने अपने लेख में बताया है कि वो अज्ञेयवादी और अधार्मिक हैं लेकिन कुछ समय पहले उनसे किसी ने पूछा कि “अगर वो मुसलमान होतीं तो उन्हें कैसा लगता?” बरखा के अनुसार ये सवाल उन्हें काफी समय तक परेशान करता रहा जिसकी वजह से उन्होंने ये लेख लिखा।
बरखा ने अपने लेख में हाल ही में भीड़ द्वारा मारे गए मुसलमानों, कश्मीर में आतंकवादियों और भीड़ द्वारा मारे गए पुलिस और सेना के अफसरों, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की इफ्तार दावत में किसी केंद्रीय मंत्री के न जाने, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किसी भी मुसलमान को विधायक का टिकट न देने इत्यादि मुद्दों को उठाया है।
बरखा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी आतंकवाद, तीन तलाक के कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध और राजनीतिक दलों द्वारा मुसलमानों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल का मुद्दा भी उठाया है।
बरखा ने लिखा है कि अगर वो मुसलमान होतीं तो सोचतीं कि जिस तरह उनके “मॉडरेट” मुसलमान होने का हवाला देकर हर मुद्दे पर बोलने की उम्मीद की जाती है उसी तरह क्या देश के बड़े “मॉडरेट” हिंदू भी बोलेंगे? एक तरफ जहां ट्रॉल ने बरखा के लेख पर आपत्तिजनक और गालीगलौज की भाषा वाले ट्वीट किए हैं वहीं कुछ लोगों ने उनकी तारीफ भी की है।