नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश में आधार कार्ड का इस्तेमाल केवल सरकारी स्कीमों और सेवाओं के लिए ही किया जा सकता है। सरकार ने इसके बाद दुनिया का पहला फेशियल बायोमैट्रिक डाटा बेस्ड आइडेंटी कार्ड जारी किया है। इस कार्ड को तैयार करने में ढेर सारे सुरक्षा मानकों को अपनाया गया है और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। शुरुआत में बुधवार को यह कार्ड 5 भारतीयों को जारी किए गए। ऐसा सुरक्षित पहचान कार्ड जारी करने वाला भारत पहला देश है। अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत शिपिंग क्षेत्र में काम करने वालों को ऐसा पहचान पत्र कराना जरूरी है। इसीलिए सरकार ने ऐसा सुरक्षित कार्ड तैयार किया है, जो दुनियाभर में कहीं भी स्वीकार्य होगा। देश में शिपिंग सेक्टर में नौकरियों की ग्राेथ 35 फीसदी के आसपास है। ऐसे में शिपिंग सेक्टर में नौकरी के अवसर खोलने के लिए लोगों के लिए यह सुरक्षित पहचान पत्र लेना जरूरी होगा। इसका नाम बायोमेट्रिक सीफर पहचान दस्तावेज (बीएसआईडी) रखा गया है।
मंत्रालय की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस बीएसआईडी कार्ड में बॉयोमैट्रिक चिप का इस्तेमाल किया गया है। इस कॉर्ड को जारी करते समय लोगों के चेहरे को घुमाकर फोटो और वीडियो लिया गया। बाद में इसका मिलान उनके पासपोर्ट के फोटो से किया गया। जब यह डाटा मैच हो गया, तभी यह कार्ड जारी किए गए। इस बॉयोमैट्रिक कार्ड को तैयार करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। इस कार्ड को जारी करने के पहले नाविकों का बायोमैट्रिक डाटा लेने के अलावा उनके विवरण को क्रॉस चेक किया गया। जब डाटा सही पाया गया तभी यह कार्ड जारी किया गया है। इसकी शुरुआत देश में हो गई है और पहले 5 भारतीयों को यह कार्ड जारी कर दिया गया है। शिपिंग सेक्टर में नौकरी के लिए इस कार्ड को अनिवार्य रूप से लेना होगा।
शिपिंग मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2017 में शिपिंग सेक्टर में 154349 लोग काम कर रहे थे, जिनकी संख्या वर्ष 2019 में बढ़कर 20 8799 हो गई है। इस प्रकार इस सेक्टर में नौकरियों की ग्रोथ 35 फीसदी की दर से हुई है।
आधार कार्ड से भी ज्यादा सुरक्षित यह पहचान पत्र देश के 9 शहरों से जारी किए जाएंगे। इन शहरों में मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, नोएडा, गोवा, न्यू बेंगलुरु, कोच्चि, विजाग और कांडला शामिल हैं। देश में शिपिंग सेक्टर में जितने भी लोग काम कर रहे हैं, उनको 2 साल के अंदर यह बीएसआईडी कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। अनुमान है कि इस समय देश में करीब 350000 लोग शिपिंग सेक्टर में काम कर रहे हैं। इनको 2 साल के अंदर यह कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। इसके बाद हर साल करीब 15000 लोगों को यह कार्ड जारी करने का अनुमान है। यह 15000 लोग वे होंगे जो शॉपिंग सेक्टर में नई जॉब पाएंगे।
भारत में बीएसआईडी परियोजना को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सीडीएसी), मुम्बई के सहयोग से चलाया गया है। सरकार ने 2016 में मर्चेंट शिपिंग (सीफर्स बायो-मेट्रिक आइडेंटिफिकेशन डॉक्यूमेंट) रूल्स को अधिसूचित किया था। एसआईडी के जारी होने में सीफर्स के बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक डिटेल्स का कलेक्शन, उनका वेरिफिकेशन और फिर उन्हें कार्ड जारी करना शामिल है।