अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद में गोमती नदी के साथ साथ कच्ची शराब का दरिया भी बहता है। कच्ची शराब के उत्पादन और बिक्री में मुसाफिरखाना तहसील अव्वल है। इस तहसील के ब्लाक,शुकुल बाजार की कई ग्राम पंचायते ऐसी है जहां ये शराब बनती और बिकती है कुटीर उद्योग के रूप में पांव पसार चुके इस कारोबार में आरोप है कि स्थानीय पुलिस की हिस्सेदारी रहती है। यही वजह है कि शासन-प्रशासन के निर्देशों का कोई असर नहीं होता। विश्वस्त सूत्रों का कहना कि आज भी शुकुल बाजार थाना के कई ग्राम पंचायतों में कच्ची शराब के अड्डे खुलेआम चल रहे हैं। जिन पर प्रतिदिन हजारों रुपयों का कारोबार होता है। इस धंधे का संचालन पहले पुरुष ही करते थे, लेकिन अब इसमें महिलाएं भी उतर आई हैं और वे पुरुषों को पछाड़ रही हैं। थाना शुकुल बाज़ार के पूरे पासी,पाली,मवइया,हुसैनपुर,दक्खिन गाँव, पूरे शुक्लन जैसे गांवों में शराब का निर्माण व बिक्री धड़ल्ले से होती है ।
इन गांवों में कच्ची शराब का कारोबार चल रहा है. इस अवैध उद्योग के उद्यमियों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है.कच्ची शराब के कुटीर उद्योग के रूप में पनपने के कई कारण हैं. पहला कारण है कम लागत में भारी मुनाफा का होना. दूसरा, इस धंधे में प्रयुक्त की जाने वाली कच्ची सामग्री क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध है। तीसरा आरोप है कि आबकारी व पुलिस विभाग की कमाऊ-खाऊ नीति के चलते उनके द्वारा इस अवैध उद्योग पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम न उठाया जाना.कच्ची शराब सरकारी ठेकों पर बिकने वाली देसी शराब के मुकाबले काफी सस्ती होती है. इसकी उपलब्धता भी हर गांव व पुरई पुरवा में है।
त्योहारों चुनावों और शादी-विवाह के समय कच्ची दारू की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. यह गैरकानूनी धंधा क्षेत्र के सैकड़ो परिवारों की रोजी-रोटी का जरिया बन गया है और पुलिस के लिए ऊपरी कमाई का जरिया भी.बताया जाता है कि क्षेत्र के छोटे नेताओं व प्रधानों को यह शराब मुफ्त में या खास रियायती कीमत के साथ साथ जाती है. इसके बदले वे कच्ची शराब के उत्पादकों को संरक्षण देते हैं।
कच्ची शराब निमार्ताओं व विक्रेताओं पर पुलिस तभी शिकंजा कसती है, जब ऊपर से अधिकारी ज्यादा सख्ती करते हैं. पुलिस कुछ भट्ठियां व शराब पकड़ कर चंद लोगों को जेल भेज देते हैं जो जमानत कराकर फिर वही धंधा शुरू कर देते हैं जिले के प्रशासनिक मुखिया से समाजसेवी सुरजीत यादव और क्षेत्रवासियों ने अपील की है कि जल्द ही इस ‘दोज़ख की दरिया’ को सुखाने की मुहिम चलायी जाय ।वही अमेठी के जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि जिन गांवों में कच्ची शराब का धंधा हो रहा है, यह पता चलते ही आबकारी टीम छापा मारकर उचित कार्रवाई करती है ।
रिपोर्ट@राम मिश्रा