साइबर अपराधियों ने भोले-भाले इंटरनेट यूजर्स को डराकर पैसे लूटने का एक और नया तरीका इजाद कर लिया है। ये नया तरीका ऐसा है कि कोई भी अपनी इज्जत बचाने की खातिर इनके झांसे में आसानी से आ सकता है। इस नए षड्यंत्र में अपराधी यूजर्स को कहते हैं कि, हमने आपका कम्प्यूटर हैक कर लिया है और पोर्न देखते हुए आपकी रिकॉर्डिंग की है। अगर आप चाहतें हैं ये वीडियो डिलीट हो जाए, तो आपको पैसे देने होंगे।
वहीं साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने की ऐसी धमकियां आधारहीन हैं। पीड़ितों ने पुलिस को संपर्क किया और सूचना दिया कि उन्हें इंटरनेशनल हैकरों से ई-मेल प्राप्त हुआ है। इसमें दावा किया गया है कि हैकरों ने उनका फोन और कम्यूटर हैक कर लिया है और अब उनके पास सारे कॉन्टैक्ट्स और डेटा का एक्सेस है।
मेल में दावा किया गया है कि उन्होंने स्पाइंग सॉफ्टवेयर की मदद से उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया है। अगर यूजर्स ने उन्हें $330 ( लगभग 21,544 रुपये) बिटकॉइन में नहीं दिया तो वीडियो सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
एक सघन जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि इन अपराधियों ने कोई कम्यूटिंग को हैक नहीं किया है। ये धोखाधड़ी करने का नया तरीका है, जिसमें अपराधी मानवीय आदतों का फायदा उठाते हैं।
साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमित दुबे का कहना है कि, पोर्न देखते वालों की तादाद काफी ज्यादा है, तो ये अपराधी भारी संख्या में लोगों को ई-मेल भेजते हैं और सॉफ्ट टारगेट पाकर उन्हें डराते धमकाते हैं। अगर हजार में से एक ने भी उन्हें पैसे दे दिए तो उनका काम हो जाता है।
मेल टूडे ने ऐसे ही एक ई-मेल को एक्सेस किया, इसमें लिखा था- ‘मैनें एक एडल्ट वेबपेज पर वायरस इंस्टाल किया था। ये अब आपके सिस्टम में डाउनलोड हो गया है, इसमें एक कीलॉगर फंक्शन भी है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से गुप्त तरीके से कम्यूटर में रिकॉर्डिंग की जा सकती है। मेरे सॉफ्टवेयर ने आपके मैसेंजर, ई-मेल और सोशल नेटवर्क के सारे कॉन्टैक्ट्स को भी इकट्ठा कर लिया है।’ इस ई-मेल को जैक हैरिस द्वारा भेजा गया था और दावे के मुताबिक उनका पता नाइजीरिया का था।
इस ई-मेल में आगे लिखा था- ‘मैनें एक स्प्लिट स्क्रीन वीडियो बनाया है, इसके पहले पार्ट में आपको देखा जा सकता है, जबकि स्क्रीन के दूसरे पार्ट में आपके द्वारा देखे गए पोर्न कंटेट को देखा जा सकता है। अगर मैनें इसे आपके कॉन्टैक्ट्स या पोर्न साइट्स पर शेयर किया तो ये आपके लिए अच्छी खबर नहीं होगी। यदि आप नहीं चाहते कि ऐसा हो तो मुझे $330 का भुगतान बिटकॉइन में करें।’
जिस हैकर ने अपना वॉलेट एड्रेस भेजा था, उसने ये भी जानकारी दी थी कि वो विदेश से लिख रहा है और पुलिस वालों को उन्हें ट्रैक करने में काफी समय लगेगा।
नोएडा पुलिस ने कुछ ऐसी ही शिकायतें दर्ज की हैं, लेकिन किसी भी मामले में अब तक यूजर्स द्वारा अपराधियों को पैसे देने की बात सामने नहीं आई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि, पहले ये अपराधी लोगों को लॉटरी जीतने के दावे के साथ ई-मेल करते थे और अब ये डराने धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
साइबर इन्वेस्टिगेटर अमित दुबे का कहना है कि ई-मेल प्राप्त करने वाले यूजरों का मोबाइल और कम्प्यूटर स्कैन कर लिया गया है और पाया कि ये मेल्स आधारहीन हैं।