नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थानों (आईआईटी) में बीटेक कोर्स की फीस 90 हजार रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है। आईआईटी स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फीस बढ़ोत्तरी को मंजूरी प्रदान कर दी है। गुरुवार को इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया है। बढ़ी हुई फीस जुलाई से आरंभ होने वाले सत्र से लागू होगी। लेकिन गरीब विद्यार्थियों को शुल्क से छूट दी गई है।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई फीस नए सत्र से लागू होगी। देश में करीब डेढ़ दर्जन आईआईटी संस्थान हैं जिनमें दस हजार छात्र बीटेक कोर्स में हर साल एडमिशन लेते हैं। फीस में यह बढ़ोत्तरी 100 फीसदी से भी ज्यादा है। मोटे तौर पर यह फीस छात्रों पर आने वाली लागत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। प्रति छात्र ढाई लाख रुपये लागत पढ़ाई का खर्च आईआईटी को बैठता है।
ईरानी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग छात्र-छात्राओं, गरीबी की रेखा के नीचे के लोग, एक लाख रुपये की सालाना पारिवारिक आय वाले उम्मीदवारों को पूरी तरह से फीस माफ रहेगी। जबकि जिन परिवारों की वार्षिक आय पांच लाख रुपये सालाना तक है, उन्हें दो तिहाई फीस माफ होगी और एक तिहाई फीस का इंतजाम करने के लिए उन्हें ऋण का विकल्प दिया जाएगा। ईरानी ने कहा कि इस प्रकार इस फीस बढ़ोत्तरी से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को कोई दिक्कत नहीं होगी।