नई दिल्ली – आईटीआईटी मद्रास एक सर्कुलर को लेकर फिर से चर्चा में है। एक साल पहले दलित छात्रों के आंदोलन को रोकने के लिए आईआईटी मद्रास ने एक सर्कुलर जारी किया था। जिसका कैंपस के साथ-साथ देश के कई इलाकों में विरोध किया गया। आखिर में आईआईटी मद्रास ने अपना सर्कुलर वापस ले लिया।
अब एक बार फिर से जारी किए गए सर्कुलर में आईआईटी मद्रास ने कैंपस में सभी सियासी गतिविधियां बंद करने के लिए कहा है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक इस कदम के जरिए ये बताने की कोशिश की गई है कि संस्थान ‘किसी भी सियासी गतिविधियों का समर्थन नहीं करता।’ वहीं कैंपस में ऐसी किसी भी गतिविधि पर रोक लगाने की कोशिश भी की गई है।
सर्कुलर के एक हिस्से में इस बात का भी जिक्र है कि सभी छात्रों, शोधार्थियों और प्रोजेक्ट अधिकारियों से एक अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर कराया गया है, जिसके तहत उन्होंने साफ किया है कि उनका विश्वविद्यालय में किसी भी राजनीतिक घटनाक्रम में कोई रोल नहीं है।
दूसरी ओर संस्थान के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। संस्थान के छात्रों और उनका नेतृत्व करने वालों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है। उनके मुताबिक इस सर्कुलर के एक हिस्से में इस बात का जिक्र है कि संस्थान इसके जरिए किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। उन्हें हॉस्टल से निकाल सकता है। वहीं संस्थान के एक छात्र ने इशारों में कहा कि ये बिल्कुल हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला पर की गई कार्रवाई की तरह ही है। जिसमें रोहित को विश्वविद्यालय से सस्पेंड कर दिया गया था। इसका विरोध पूरे देशभर में हुआ था।
इस विवाद के सामने आने के बाद जब आईआईटी मद्रास के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने ऐसे किसी भी सर्कुलर की जानकारी होने से इंकार कर दिया। अगर एडमिशन के संदर्भ में ऐसा सर्कुलर जारी हुआ है तो वह गलती से हुआ होगा। फिलहाल छात्रों को संस्थान में तीन हलफनामा देना होगा- जिसके मुताबिक छात्र और उनके माता-पिता से दो एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग ली गई है। साथ ही ‘ऑनर कोड’ भी देना होगा।
छात्रों के डीन शिवाकुमार श्रीनिवासन के मुताबिक उन्हें ऐसे किसी भी नए नियमों की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो वह गलती से ही हुआ होगा। एडमिशन के दौरान ऐसे नियमों के लिए हॉस्टल प्रशासन ने कुछ जोड़ा होगा। दूसरी ओर आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर भास्कर रामामूर्ति ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ऐसी जानकारी से इंकार किया है। हालांकि उन्होंने भी यही कहा कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो वह अधिकारियों की गलती की वजह से हुआ होगा।