लखनऊ : निजी स्कूलों में फीस वृद्धि, किताब-कॉपी व ड्रेस में कमीशनखोरी के विरोध में अनेकों बार प्रदर्शन हुए हैं। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही अभी तक हुई नहीं है। प्रतिवर्ष निजी स्कूलों में फीस में वृद्धि कर दी जाती है। जिससे अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
फीस के साथ ही अब स्कूल से कॉपी-किताब भी दिया जा रहा है। डील वाले दुकानों से ही ड्रेस लेने की अनिवार्यता कर दी गई है। कमीशनखोरी में शहर के अच्छे स्कूल प्रबंधन भी शामिल हैं। इससे अभिभावकों का बजट गड़बड़ा जा रहा है।
प्राइवेट स्कूलों में हो रहे बाजारीकरण को बंद कराया जाना चाहिए। फीस को लेकर एक स्लैब प्रशासन तय कराए ताकि लूट खसोट न हो सके। बहुत सारे स्कूल बगैर मान्यता के चल रहे हैं। इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत है। जांच कराकर कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्राइवेट स्कूलों में महंगी शिक्षा व्यवस्था के अलावा एक साथ तीन महीने की फीस, फिक्स दुकानों पर बिक रहीं कापी किताबों और स्कूल वाहन आदि के मनमाने शुल्क को लेकर यहाँ भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया है।
प्राइवेट स्कूलों में चल रही अवैध वसूली को लेकर परिषद कार्यकर्ताओं ने परिवर्तन चौक पर एकत्रित होकर जिला अधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की जिला अधिकारी नारेबाजी सुनते ही कार्यलय से निकल गए।
प्रांत संगठन मंत्री सत्यभान सिंह भदौरिया ने बताया कि लेकिन शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर आंख मूंदे हैं। इसीलिए परिषद कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदेश सह मंत्री विवेक सिंह मोनू ने कहा कि अभी बीते दिनों पहले परिषद कार्यकर्ता जिला विद्यालय निरीक्षक को अपना ज्ञापन दिया था।
इसी क्रम में आज जिला अधिकारी को ज्ञापन दिया गया है। अगर इस पर जल्द से जल्द कार्यवाही न कि गई तो परिषद कार्यकर्ता एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
@शाश्वत तिवारी