गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए एक सभा को संबोधित करते हुए एक भाजपा मंत्री की जुबान फिसल गई। गुजरात के भाजपा मंत्री बाबू बोखिरिया एक सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्होंने कहा कि आजादी के बाद साल 1947 में ही कांग्रेस नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती थी।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बाबू बोखिरिया सरदार पटेल का नाम लेना चाह रहे थे, लेकिन उनकी जुबान फिसल गई और सरदार पटेल की जगह उनके मुंह से नरेंद्र मोदी का नाम निकल गया। बता दें, बाबू लाल बोखिरिया अभी गुजरात सरकार में मंत्री हैं। बाबू बोखिरिया को साल 2013 में एक खनन केस में तीन साल की सजा हुई थी, हालांकि साल 2014 में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
बोखिरिया नरेंद्र मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी मंत्री थे। बोखिरिया को 54 करोड़ रुपए के गैरकानूनी रूप से चूना पत्थर खनन केस में आरोपी बनाया गया था। जिसके बाद पोरबंदर की एक कोर्ट ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी।
बोखिरिया के साथ ही पूर्व कांग्रेस सांसद भरत ओडेडारा, कथित गैंगस्टर भीमा डुला ओडेडारा और उसके बेटे लक्ष्मण डुला ओडेडारा को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई थी। साल 2006 में सौराष्ट्र केमिकल कंपनी के मैनेजर उमेश भावसर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ये चार लोग गैरकानूनी रूप से उस जगह से चूना पत्थर निकाल रहे हैं, जिसके अधिकार केवल कंपनी के पास हैं।
कंपनी ने साथ ही कहा था कि गैरकानूनी रूप से खनन करने की वजह से उन्हें 54 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पुलिस ने बोखिरिया को साल 2007 में गिरफ्तार किया था। शिकायत के बाद उसने देश छोड़ दिया था, जिसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने बाद में उन्हें जमानत दे दी थी।