मंडला – मंडला जिले के खटिया थाना में पदस्थ थाना प्रभारी सतीश पटेल ने पुलिस की एक अलग छवि समाज में बनाने की कोशिश की है। पुलिस हमारी मित्र है, टीआई हमारा भाई है मुहीम के तहत अबतक सैकड़ों महिलाये उन्हें राखी बांधकर अपना भाई बना चुकी है। इससे महिलाये जहां अपने को सुरक्षित समझती है तो वही असामाजिक तत्व भी उनके आसपास नहीं भटकते। टीआई सतीश पटेल ने पिछले साल सिवनी जिले के छपारा ठाणे में अपनी पदस्थापना के दौरान यह अनोखी मुहीम शुरू की थी जो यहाँ भी जारी है। सिवनी जिले की उनकी बहनो ने सेकड़ो की तादाद में उनके स्थाई पते पर राखी भेजी है। खटिया थाना में भी बड़ी संख्या में बालिकाओं और महिलाओं ने उन्हें राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। पहले ये थाने आने से डर्टी थी लेकिन अब यह डर इनसे दूर हो गया है। इतना ही नहीं लड़कियां उनके साथ सेल्फी लेकर फेसबुक और व्हाट्सप्प पर डीपी बना लेती है जिससे वो अनचाहे कॉल, मेसेजेस और फ्रेंड रिक्वेस्ट से बच जाती है।
थाना और थानेदार नाम सुनते ही एक छवि दिमांग में उभरती है लेकिन इसके विपरीत थाने में माहौल खुशनुमा है और थानेदार की आवाज़ में भी नरमी है। खटिया थाना का नज़ारा कुछ बदला – बदला सा नज़र आ रहा है। थाने में बड़ी संख्या में नज़र आ रही बालिकाएं, युवतियां और महिलायें किसी की शिकायत दर्ज करने नहीं बल्कि अपने थानेदार भाई को राखी बांधकर उससे अपने सुरक्षा का वचन लेने आई है। संगीता मरावी ने बताया कि पहले पुलिस से उन्हें दर लगता था लेकिन अब पुलिस से न कोई डर है और न थाने आने में कोई झिझक। हो भी क्यों आखिर थानेदार भाई जो बन गया है।
तो वही कॉलेज छात्रा खुशबू यादव ने बताया कि पहले लड़के मोबाइल पर परेशान करते थे लेकिन जब से उन्होंने सेल्फी लेकर फेसबुक और व्हाट्सप्प पर डीपी बनाई है तब से कोई भी शरती तत्व न तो कॉल करने की हिम्मत करता है और न मेसेजेस। इतना ही नहीं फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने से भी डरते है। जब से यह पता चला है कि टीआई हमारे भाई है तब से कोई उन्हें परेशान करना तो दूर आसपास भी नहीं फटकते।
अपने इस अनोखी मुहीम के चलते काफी प्रसिद्ध हो चुके खटिया थाना प्रभारी सतीश पटेल बताते है कि हमारे विभाग में वरिष्ठ अधिकारी हमे हमेशा समाज में पुलिस की छवि बेहतर बनाने की समझाईश देते है। एक भाई और पुलिस का काम लगभग एक जैसा ही है। दोनों ही सुरक्षा देते है। इसके जरिये महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को भी बल मिलता है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राखी के दिन मेरी बहन की राखी मुझे नहीं मिल पाई थी। अचानक मेरे दिमाग में एक ख्याल आया और अपने एक वाट्स एप्प ग्रुप पर मैंने ये स्लोगन लिखा – पुलिस आपकी मित्र है टीआई आपका भाई है, और इसके नीचे लिखा टीआई होने के नाते क्षेत्र की हर महिला की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। यदि क्षेत्र की कोई महिला या लड़की मुझे राखी बांधना चाहती है तो थाने में उनका भाई उनका स्वागत करेगा। देखते ही देखते ये मैसेज वायरल हो गया।
इसका ऐसा असर हुआ हुआ कि कई बहने मुझे राखी बाँधने आने लगी। वो मुझे अपना भाई समझकर खुद को पहले से अधिक सुरक्षित महसूस करने लगी। मेरी भी कोशिश रहती है कि बहने मेरे थाने क्षेत्र में खुद को उतना ही सुरक्षित महसूस करें जितना वो अपने सगे भाई के थाना प्रभारी होने पर करती। जब खटिया थाना क्षेत्र की बहनों को यह पता चला तो वो भी मुझे राखी बांधने आई। आज पुराने थाना क्षेत्र की बहनों के बहुत फोन आये सभी से बात की। घर के पते पर बहुत सारी बहनों ने राखी पोस्ट भी की है।
@सैयद जावेद अली