मुंबई- आतंकवाद निरोधक कानून (पोटा) की एक विशेष अदालत ने मुंबई में हुए तिहरे बम विस्फोट केस में बुधवार को 2002-03 में हुए तिहरे बम विस्फोटों के लिए दोषी ठहराए गए तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इनमें मुख्य अभियुक्त मुजम्मिल अंसारी भी शामिल है। इस मामले में चार अन्य दोषियों को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है, जिनमें प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का महासिचव साकिब नचान भी शामिल है।
पुलिस के मुताबिक तीनों धमाकों के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं क्योंकि धमाकों को अंजाम दिलाने में 2 पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था जिनमें एक अबू अनवर अली पाकिस्तानी सेना से जुड़ा हुआ था। दूसरा पाकिस्तानी अबु सुल्तान उर्फ़ फैज़ल खान उर्फ इरफ़ान था। इरफ़ान ने बंगलोर में कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर भी खोल रखा था। इनके साथ जम्मू कश्मीर का मोहमद इक़बाल वाणी भी था। पुलिस की माने तो तीनों ही मुंबई और गुजरात में आतंकी कार्रवाई को अंजाम देने के इरादे से आए थे। वो कुछ दिन कल्याण में किसी जगह ठहरे थे। पडघा में जाकर साक़िब नाचन से भी मिले थे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अभियुक्तों में अधिकतर प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य हैं ! ये 1992 में अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस और गुजरात में वर्ष 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगे का बदला लेना चाहते थे !
बताते चलें कि वर्ष 2002 के दिसंबर से 2003 के मार्च के बीच हुए इन विस्फोटों में मुंबई में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे ! पहला विस्फोट मुंबई सेंट्रल टर्मिनस की मुख्य इमारत में मैकडोनाल्ड आहार गृह के पास छह दिसंबर, 2002 को हुआ था !
वहीं, दूसरा बम विस्फोट 27 जनवरी, 2003 को विले पार्ले बाजार में हुआ था. तीसरा विस्फोट उसके कुछ ही दिनों बाद 13 मार्च को उपनगरीय रेलगाड़ी के भीड़ भरे महिला प्रथम श्रेणी के डिब्बे में हुआ था ! इसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी !