मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार एक के बाद एक मुश्किल में घिरती जा रही है। इस बार उनके राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से एक वार्ड में 17 मरीजों की मौत हो गई है। मामला इंदौर के महाराजा यशवंत राव अस्पताल का है। वहां ऑक्सीजन की कमी की वजह से पिछले 24 घंटे में 17 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन कमी की वजह से मौत से इनकार कर रहा है। इस बीच चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि बुधवार से गुरुवार के बीच 24 घंटे में 17 मरीजों ने दम तोड़ा। इनमें से सात मरीजों की मौत गुरुवार की सुबह चार से साढ़े चार बजे के बीच हुई है।
ईटीवी को लोगों ने बताया कि सुबह लगभग चार बजे ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई, इससे मरीज तड़पने लगे और एक-एक कर उनकी मौत हो गई। जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से पांच पांचवीं मंडिल पर मेडिसिन आईसीयू में थे जबकि एक मरीज सर्जिकल आईसीयू में और एक प्री मैच्योर बच्चा न्यू बॉर्न केयर यूनिट में था।
संभागीय आयुक्त संजय दूबे ने ईटीवी से कहा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सभी मौतें गंभीर बीमारी की वजह से हुई हैं। अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने इसे सामान्य घटना करार दिया और कहा कि आईसीयू में औसतन रोज चार से छह मरीजों की मौत होती है।
इधर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार की सुबह अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। उनके साथ इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन भी मौजूद थे। इन लोगों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। कांग्रेस का सीधा-सीधा आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से ही इतनी संख्या में मरीजों की मौत हुई है लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे दबाने की कोशिश कर रहा है।