आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के एक गांव की महिलाओं ने दिन के समय में नाइटी पहनना बंद कर दिया है। इसकी वजह है एक आदेश जो गांव के बुजुर्गों द्वारा दिया गया है।
बुजुर्गों ने यह निर्णय लिया है कि नाइटी केवल रात के लिए होती है। इसलिए उन्हें उसी समय पहना जाना चाहिए।
तोकालापल्ली गांव के 9 सदस्यों की एक समिति ने एक रणनीति बनाई है। जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि 1800 महिलाओं में से कोई भी उनके आदेश का उल्लंघन न करे।
यदि कोई महिला सुबह के सात बजे से शाम के सात बजे नाइटी पहने हुए दिखाई देती है तो उसे 2000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
इसके अलावा यदि कोई आदेश का उल्लंघन करने वाली महिलाओं के बारे में जानकारी देता है तो उसे ईनाम के तौर पर 1000 रुपये मिलेंगे।
तोकालापल्ली गांव के कुछ गांववालों का कहना है कि बुजुर्गों ने उन्हें दोषी पाए जाने पर सामाजिक बहिष्कार करने की धमकी दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बारे में सरकारी अधिकारियों को कुछ न बताया जाए।
गांव की सरपंच फंतासिया महालक्ष्मी ने कहा कि खुले में कपड़े धोना, नाइटी में सब्जी की दुकान पर जाना या बैठक में शामिल होना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने बुजुर्गों से इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
हालांकि उन्होंने किसी भी तरह का प्रतिबंध लगाने या फिर आदेश का उल्लंघन करना वालों के सामाजिक बहिष्कार की बात को नकार दिया।
वैसे तो यह आदेश लगभग 9 महीने पुराना है लेकिन यह गुरुवार से सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसी वजह से शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों ने मामले की जांच करने के लिए गांव का दौरा किया।