सतना : मैहर थाना अंतर्गत भरौली के पास सीमेंट फैक्ट्री में गुरुवार रात काम बंद होते समय भाड़ा टूटने से गिरे दो कर्मचारियों की मौत हो गई, वहीं अन्य लोग भी घायल हो गए। इस हादसे से भड़के सैकड़ों श्रमिकों ने फैक्ट्री में हंगामा करते हुए जमकर तोडफ़ोड़ की और दो अधिकारियों की पिटाई कर दी, जिससे वहां भगदड़ मच गई। श्रमिकों ने मृतक के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता,उसके 6 वर्षीय बेटे और 3 वर्षीय बेटी की पढ़ाई का खर्च एवं पत्नी को आजीवन पेंशन की मांग करते हुए धरना भी दिया।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री के तीन नम्बर क्षेत्र में बन रहे क्रेटर पर पिट पाइप का काम करने के लिए फिटर प्रभुदयाल उर्फ विधायक पुत्र स्वामीदीन पटेल 30 वर्ष निवासी तिघरा खुर्द कुछ अन्य मजदूरों के साथ लिफ्ट से 70 मीटर ऊपर गया और भाड़े पर खड़े होकर काम करने लगा। जबकि साइट इंजीनियर नीचे से नजर रख रहा था। गुरुवार रात तकरीब 10 बजे अचानक पाइप खुल गया और भाड़ा समेत जमीन पर आ गिरा जिससे प्रभुदयाल व इंजीनियर समेत कुछ मजदूर चपेट में आ गए। दुर्घटना होते ही मौके पर भगदड़ मच गई । वहीं फैक्ट्री के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मजदूरों की मदद से इंजीनियर को मलबे से निकालकर एम्बुलेंस से अस्पताल के लिए रवाना हो गए। जबकि फिटर प्रभुदयाल की मौके पर ही मौत हो गई जिसका शव साथी कर्मचारियों ने नहीं ले जाने दिया। इसके चलते तीखी बहस हुई तो मजदूरों ने फैक्ट्री के अधिकारियों को पीट दिया । कुछ देर में घटना स्थल और फैक्ट्री के बाहर हजारों की संख्या में मजदूरों और ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। मृत कर्मचारी के परिजन भी आ गए । बताया गया कि हादसे में तिघरा खुर्द के सीताराम पटेल और उसका बेटा शंकर पटेल भी घायल हो गए।
फैक्ट्री से जब इंजीनियर को एम्बुलेंस में लेटाकर बाहर ले जाया जा रहा था तब वह मरणासन था। जिसे नजदीकी सिविल अस्पताल नहीं ले जाया गया और न जिला अस्पताल ही लाया गया। उधर बिरला हॉस्पिटल पहुंचने की भी कोई खबर नहीं थी। सवाल यह है कि फैक्ट्री से निकली एम्बुलेंस घायल समेत कहा गायब हो गयी।
दुर्घटना में प्रभुदयाल की मौत से आक्रोशित साथी मजदूरो और परिजन ने 50 लाख की आर्थिक सहायता,उसके 6 वर्षीय बेटे और तीन वर्षीय बेटी की पढ़ाई लिखाई का खर्च एवं पत्नी को आजीवन पेंशन की मांग करते हुए धरना दे दिया है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक फैक्ट्री की तरफ से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सामने नहीं आया।
फैक्ट्री में हादसे और हंगामें की खबर लगते ही मैहर, अमदरा, नादन और बदेरा थाना प्रभारी दल-बल के साथ घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। हालात को देखते हुए जिला मुख्यालय से अतिरिक्त फोर्स भी भेजने की तैयारी चल रही थी। लेकिन उग्र हो चुके मजदूरों को काबू पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। फैक्ट्री में विगत एक माह के अंदर यह दूसरा हादसा है जब कर्मचारियों की मौत हुई है।