नई दिल्ली- पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद भारी तादाद में लोगों ने अपने-अपने खातों में पैसे जमा करवाए हैं। अब सरकार और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर उन खाते पर नजर है जिसमें लोगों ने अवैध धन जमा करवाए हैं। इस सिलसिले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बिग डेटा का इस्तेमाल करने जा रहा है ताकि नोटबंदी के चलते बैंकों में बड़े करेंसी नोट जमा कराने वाले ईमानदार करदाताओं में ब्लैक मनी छिपाने वालों को अलग-अलग छांटा जा सके।
सूत्रों के मुताबिक बिग डेटा ऐनालिटिक्स टूल टोटल इनकम टैक्स डेटा चेक करके अनियमितता के बारे में बताएगा। इसके आधार पर टैक्स अधिकारी 31 दिसंबर के बाद लोगों को नोटिस भेज सकेंगे।
बिग डेटा टूल्स इंडिविजुअल्स के टैक्स रिटर्न, कुछ लोगों के मालिकाना हक वाली कंपनियों के चुकाए टैक्स के डेटा का मिलान इंडिविजुअल्स की तरफ से बैंक में जमा कराई गई रकम का बैंकों से जुटाए गए दूसरे डेटा से करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इसके जरिए इनकम टैक्स के अधिकारी बैंकों से मिले हर डेटा को चेक और दूसरे टैक्स डेटा से मिलान आसनी से कर सकेंगे।
सबसे पहले इसका इस्तेमाल अनियमितताओं का पता लगाने में किया जाएगा, इसके बाद इनकम टैक्स के अधिकारी खाते में जमा रकम और टैक्स अदायगी का मिलान कर उसका स्क्रूटनी करेंगे और फिर दोषियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
टैक्स पेमेंट बेहतर बनाने के लिए सरकार ने इसी साल मई में टैक्स ऐनालिटिक्स का इस्तेमाल करना शुरू किया था। अब उम्मीद की जा रही है कि टैक्स डिपार्टमेंट कॉर्पोरेट टैक्स और पर्सनल टैक्स के डेटा जुटाकर उनका मिलना करेगा। सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स रिपोर्टिंग के कुछ मामलों में बिग डेटा का इस्तेमाल तो किया है लेकिन वह पहली बार पर्सनल टैक्स के लिए बहुत बड़े पैमाने पर उसका यूज करने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक ऐनालिटिक्स टूल से सिर्फ यही पता नहीं चलेगा कि किसी व्यक्ति ने किन-किन बैंकों में कितना पैसा जमा कराया बल्कि इसबात की भी जानकारी मिलेगी कि उसने पिछले सालों में कितना इनकम टैक्स चुकाया है। इससे यह भी पता चलेगा कि उसकी कंपनी ने कितना कॉर्पोरेट टैक्स चुकाया था और क्या उसका कोई एंप्लॉयी है और क्या उन्होंने हाल में बैंक में पैसा जमा किया है। आप व्यवहारिक तौर पर इंडिविजुअल की टैक्स हिस्ट्री का हर डिटेल पता कर सकते हैं। [एजेंसी]