नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उन नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके मुताबिक आयकर रिटर्न भरने वाले सभी करदाताओं को आधार संख्या को स्थायी खाता संख्या (पैन) से जोड़ना अनिवार्य होगा। नियम एक अप्रैल से प्रभावी होंगे।
27 जून को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सभी करदाता, जिन्हें पैन मिल चुका है, उन्हें आयकर अधिकारियों को अपना आधार संख्या बताना होगा, ताकि पैन और आधार दोनों को जोड़ा जा सके।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है, “एक जुलाई, 2017 तक जिन्हें भी पैन मिल चुका है, और जिनके पास आधार संख्या है या वे आधार संख्या प्राप्त करने के पात्र हैं, उन्हें आयकर अधिकारियों को अपना आधार संख्या बताना होगा, ताकि आधार संख्या और पैन को जोड़ा जा सके।”
सीबीडीटी ने कहा कि एक जुलाई, 2017 से प्रत्येक व्यक्ति जो आधार पाने के पात्र हैं, उन्हें आयकर दाखिल करने और पैन के लिए आवेदन करने को लेकर अपना आधार संख्या या आधार पंजीकरण आईडी नंबर देना होगा।
अधिसूचना के मुताबिक, अगर आधार संख्या आवंटित नहीं हुआ है, तो आधार आवेदन पत्र का पंजीकरण आईडी नंबर देना होगा।
सीबीडीटी की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, हालांकि जिनके पास आधार संख्या नहीं है और वे कुछ वक्त के लिए आधार पाने की इच्छा नहीं रखते हैं, उनका पैन रद्द नहीं होगा।
इस प्रावधान का पालन न करने के संदर्भ में सीबीडीटी ने कहा है कि जिनके पास आधार संख्या नहीं है और जो लोग कुछ समय के लिए आधार नहीं पाना चाहते हैं, उन्हें अदालत ने आंशिक तौर पर राहत दी है और उनका पैन रद्द नहीं होगा, ताकि आयकर अधिनियम के तहत अन्य प्रक्रियाएं, जिनमें पैन की जरूरत होती है, वे प्रभावित न हों।