वॉशिंगटन : आतंकवाद और आतंकियों को मदद देने से बाज नहीं आ रहे पाकिस्तान को अमेरिका से एक और तगड़ा झटका लगा है। अमेरिका के पूर्व सीनेटर लैरी प्रेसलर ने कहा कि वो सोचते हैं कि भारत और अमेरिका को साथ मिलकर पाकिस्तान पर हमला करना चाहिए और ऐसा कर पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को एक-एक कर नष्ट करना चाहिए।
लैरी प्रेसलर ने एक अखबार के साथ बातचीत में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में आतंकवादियों को पनाह देने को लेकर पाकिस्तान को झाड़ लगा चुके हैं। ऐसे में वह भारत के लिए अब तक के सबसे बेहतर अमेरिकी राष्ट्रपति साबित हो सकते हैं। लेकिन, इसके लिए सबसे पहले ट्रंप को पेंटागन की ओर देखना होगा, जिसने हमेशा पाकिस्तान को बढ़ावा देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरफ से मिले बढ़ावे के चलते पाकिस्तान की हिम्मत इस कदर बढ़ गई कि उसने संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भारत पर हमला करते हुए उसे ‘आतंकवाद की जननी’ और ‘दरिंदा’ जैसे शब्दों का प्रयोग तक कर डाला। प्रेसलर ने बताया कि ट्रंप का पेंटागन को दलदल बताना एक अच्छा संकेत है, जिससे ऐसा माना जा रहा है कि जल्द पेंटागन में सुधार होने की संभावना है।
तीन बार सीनेटर और दो बार हाउस ऑफ रेप्रिजेंटटिव के सदस्य रहे 75 वर्षीय लैरी प्रेसलर चर्चित संशोधन के लिए जाने जाते हैं, जिसके तहत 1990 में पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सैन्य सहायता पर रोक लगी थी। रिपब्लिकन रहे प्रेसलर ने अपनी किताब ‘नेबर्स इन आर्म्स’ में अमेरिकी विदेश नीति में आए बदलावों पर चर्चा की है जिसके जरिये पाकिस्तान न्यूक्लियर हथियार विकसित कर पाया है।
प्रेसलर काफी समय से रिपब्लिकन पार्टी से खुद को अलग कर चुके हैं। उन्होंने साल 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलरी क्लिंटन को समर्थन दिया था। ट्रंप से कई मतभेदों के बावजूद लैरी को लगता है कि ट्रंप इतने भी बुरे नहीं हैं, जितना उनको यूएस मीडिया बताती है।