एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों के विरोध-प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया है। मध्य प्रदेश में छह सितंबर को प्रस्तावित बंद के मद्देनजर सरकार ने सतर्कता बरतने के निर्देश दे दिये हैं।
पूरे प्रदेश में चल रहे विरोध को लेकर पुलिस अलर्ट पर है और शिवपुरी के बाद मुरैना, भिंड, श्योपुर और छतरपुर के जिलाधिकारियों ने धारा 144 लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को पारित किया था। जिसे लेकर सवर्णों में काफी गुस्सा है, देश मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले इस मुद्दे पर सभी राजनैतिक पार्टियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
सपाक्स सहित करीब 30 से 35 संगठनों के भारत बंद का एलान किया है जो सिर्फ सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। लेकिन जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अप्रैल में अनुसूचित जातियों के बंद आह्वान के बाद हिंसा के मामले हुए थे, उसे ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश जारी किये हैं।
छह सितंबर को कथित बंद को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने भी हिंसा की आशंका जाहिर की है।आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कर ने इस बारे में बयान जारी कर बताया है कि छह सितंबर को सोशल मीडिया के जरिए बंद का आह्वान अलग-अलग संगठनों ने किया है जिसे लेकर प्रदेश भर के पुलिस अधीक्षकों को सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।
जानकारी के मुताबिक खास तौर पर मध्य प्रदेश के तीन जिलों मुरैना, भिंड एवं शिवपुरी में पहले ही एहतियात बरतते हुए मंगलवार को धारा 144 फौरनलगा दी गई है जो सात सितम्बर तक लागू रहेगी।
वहीं प्रदेश के पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वो संगठनों के प्रमुखों से मिलकर बातचीत कर विश्वास जीतने की कोशिश करें। वहीं सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज लिखने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वही एससी/एसटी एक्ट के विरोध में संगठनों ने जनप्रतिनिधियों का घेराव कर काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी है। इस एलान की वजह से ग्वालियर-चंबल में सांसदों, मंत्रियों और विधायकों ने अगले दिनों के सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
ब्रह्म समागम स्वर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि सवर्णों और ओबीसी से जुड़े 150 से ज्यादा संगठन भारत बंद में हिस्सा लेंगे।
आगामी चुनाव का पूरा फायदा ये सवर्ण संगठन उठा रहे हैं और अभी से मतदान का विरोध करने का एलान कर दिया है। सेंवढ़ा में दुकानों के आगे विरोध जताते हुए तख्तियां लगाई गई हैं जिन पर लिखा है कि राजनीतिक पार्टियां वोट मांगकर शर्मिंदा न करें, हम सवर्ण हैं।
यही हाल शिवपुरी में भी है जहां मंगलवार शाम सपाक्स ने पर्चे चिपकाए कि ‘हम आरक्षण एवं एससी एसटी एक्ट का विरोध करते हैं, कृपया राजनीतिक दल वोट मांगकर हमें शर्मिंदा न करें’ ।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं एवं मंत्रियों को आंदोलनकारियों ने काले झंडे दिखाए गये हैं।
वहीं मंगलवार को स्थिति पर चर्चा के लिए दिल्ली में भी अमित शाह की अध्यक्षता में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई है।