इस्लामाबाद – पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के साथ बातचीत से पहले शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के साथ वार्ता के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत सरकार पर बातचीत की शर्त थोपने का आरोप भी लगाया। अजीज ने कहा कि जब से मोदी सरकार आई है, भारत कोशिश कर रहा है कि उन्हीं की शर्तों पर बातचीत हो।
इसके साथ ही सरताज ने कहा कि वह नई दिल्ली में बैठक के दौरान रॉ के पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने को लेकर तीन डॉजियर देंगे। अजीज का कहना था कि अगर उन्हें 24 अगस्त को डोभाल को यह डॉजियर देने का मौका नहीं मिला तो वह उन्हें न्यू यॉर्क में यह डॉजियर सौंपेंगे।
अजीज का कहना था कि बैठक के लिए पाकिस्तान ने नहीं, भारत ने नई शर्तें लगाईं कि पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि 15-20 सालों से जब भी पाकिस्तानी नेता भारत जाते हैं तो हुर्रियत नेताओं से मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं भारत जाता हूं तो कई पार्टियों के नेताओं से मिलता हूं, जब वे आते हैं तो वे भी विपक्षी और दूसरे नेताओं से मिलते हैं।’ अजीज का कहना था कि हुर्रियत नेताओं को गिरफ्तार करना उनके मूल अधिकारों का उल्लंघन है।
अजीज ने बातचीत रद्द होने की आशंका के लिए भारत को ही जिम्मेदार बताया और कहा कि पिछले साल 25 अगस्त को होने वाली विदेश सचिवों की बैठक भारत ने रद्द कर दी थी, इस बार भी दुर्भाग्यवश ऐसा हुआ तो वही कारण होगा। अजीज का कहना था, ‘हम प्रस्तावित अजेंडे पर बातचीत के लिए तैयार हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की भी शनिवार दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस है, देखते हैं इसमें से क्या निकल कर आता है।’
उन्होंने कहा, ‘ऊफा में दिए बयान के मुताबिक भारत ने कहा था कि शांति और विकास की दोनों देशों की जिम्मेदारी है। मैं मिस्टर मोदी से अपील करता हूं कि ऊफा के बयान के सबसे अहम हिस्से- शांति के लिए भारत और पाकिस्तान की संयुक्त जिम्मेदारी है, पर ध्यान दें।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय एनएसए के साथ आतंकवाद, एलओसी पर टेंशन और सभी जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह कौन नहीं जानता कि कश्मीर जरूरी मुद्दों में शामिल है। यह आश्चर्यजनक है कि वे कह रहे हैं कि हुर्रियत नेताओं से चर्चा बातचीत अजेंडे में शामिल नहीं थी। ऐसी चीजों को अजेंडे में नहीं रखा जाता है। लेकिन उनका यह कहना कि हुर्रियत या कश्मीर अजेंडा नहीं था, यह गलत है।’