नई दिल्ली – अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राजपथ को नो फ्लाइंग जोन बनाने की सलाह पर भारत ने नरमी के साथ इनकार कर दिया है।
ओबामा की सुरक्षा में मुस्तैद सुरक्षा एजेंसियों ने भारत को सलाह दी थी कि वह गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ के करीब 5 किलोमीटर के दायरे तक नो फ्लाईजोन घोषित कर दे, लेकिन भारत ने इसे असंभव बताते हुए असर्थता जता दी है।
गौरतलब है कि भारत के 65वें गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति विशेष अतिथि बनकर भारत दौरे पर आ रहे हैं। ओबामा की यात्रा के दौरान हमले की आशंका के बीच ओबामा की सुरक्षा में मुस्तैद एजेंसिया काफी सर्तक हो गई हैं और वो फूंक फूंक कर कदम उठा रही हैं।
बताया जा रहा है कि बराक ओबामा की इस भारत यात्रा के दौरान करीब 1600 जवान तैनात रहेंगे, जिनमें से अधिकतर सुरक्षा एजेंसियों से ही होंगे।
भारत ने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को बता दिया है कि राजपथ को नो फ्लाइंग जोन बनाने में काफी मुश्किल है क्योंकि ऐसा किए जाने से भारतीय वायु सेना का फ्लाइंग पास्ट नहीं हो पाएगा।
भारत ने बताया कि राजपथ के ऊपर फ्लाई पास्ट की अवधि तकरीबन 10 मिनट के आसपास होती है। अन्यथा पूरे साल भर राष्ट्रपति भवन, साउथ एवं नार्थ ब्लॉक, पीएम आवास और उसके आस पास के अहम स्थानों के ऊपर भी नो फ्लाइंग जोन घोषित नहीं किया जाता है।
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने ओबामा की सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए लगाए जाने वाले 15000 सीसीटीवी कैमरों पर भी हैरानी जताई हैष दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि अगर इतने सीसीटीवी कैमरे विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के लिए लगाए जा सकते हैं तो इन्हें भारतीयों के लिए क्यों नहीं लगाया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल के फ्लाई पास्ट में करीब 18 फाइटर जेट, पांच एअरक्राफ्ट और 10 हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे, जो जमीन से करीब 60 मीटर से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरेंगे।
इस फ्लाईपास्ट के दौरान नेवी के सुपरसोनिक फाइटर मिग-29 के और आईएएफ के फाइटर प्लेन सुखोई 30 एमकेआई और जगुआर भी उड़ान भरेंगे, जो कि उत्तर भारत के अलग अलग एअरबेस से उड़ान भरकर राजपथ के इर्द गिर्द करतब दिखाएंगे।
ओबामा को अपनी इस यात्रा को दौरान सी -130 जे ‘सुपर हरक्यूलिस’, सी-17 ग्लोबमास्टर-III (रणनीतिक एअरक्राफ्ट) और समुद्र में लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले पोसाइडन-81 विशेष सैन्य विमान को देखने का मौका भी मिल जाएगा जिन्हें भारत ने अमेरिका से ही करीब 7 बिलियन डॉलर में प्राप्त किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के 26 जनवरी को भारत आगमन पर आतंकी हमले की आशंका को लेकर भारत-नेपाल बॉर्डर में तैनात सुरक्षा एजेंसियां सतर्क है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही इस खुली सीमा पर अमेरिकी खुफिया तंत्र की भी नजर है।
खुफिया एजेंसी आईबी की आतंकी हमले की रिपोर्ट के बाद बार्डर पर सुरक्षा एजेंसियों को राज्य सरकार ने और अधिक अलर्ट किया है। एसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि जिले से लगी नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों को एक माह पूर्व से ही सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।