नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि एलओसी पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के कोई सबूत जारी नहीं किया जाएगा। बता दें कि 28-29 सितंबर की रात को सेना ने पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड्स को नष्ट किया था।
– अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक टॉप अफसरों ने कहा, ‘आज के हालात को देखें तो भारत का जंग का कोई इरादा नहीं है। लेकिन इसका ये मतलब नही हैं कि कोई हमपर जबरदस्ती जंग थोपे और हम उसका जवाब न दें।’
– सूत्रों ने सर्जिकल स्ट्राइक को भारत की डिप्लोमेटिक सक्सेस करार देते हुए कहा, ‘किसी भी देश ने भारत के इस एक्शन का विरोध नहीं किया है। पाक के करीबी माने जाने वाले चीन ने भी सपोर्ट किया है। इस्लामिक देशों ने भी इस कार्रवाई पर भारत की पीठ थपथपाई है।’
– मिलिट्री ऑपरेशंस से जुड़े अफसरों ने कहा, ‘सितंबर में यूएन जनरल असेंबली की मीटिंग में भारत ने किसी भी तरह के गतिरोध को टालने की कोशिश की। ताकि हम किसी और चीज के बारे में सोच सकें।’
और क्या बोले अफसर?
– ‘रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट अबु धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यां रहेंगे। इसका फैसला भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लिया गया। ये भी सरकार की डिप्लोमेटिक स्ट्रैटजी का हिस्सा है।’
– अफसरों की मानें तो अमेरिका को भी सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी।
– एनएसए अजीत डोभाल और उनकी अमेरिकी काउंटरपार्ट सुसैन राइस के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में किसी मिलिट्री ऑपरेशन को लेकर बात नहीं हुई। यहां तक कि डोभाल ने सुसैन को ये हिंट भी नहीं दी कि भारत एलओसी पार कर कोई कार्रवाई कर सकता है।
– सूत्रों के मुताबिक, ‘भारत को अमेरिका समेत किसी भी देश को अपनी स्ट्रैटजी बताना जरूरी नहीं है। हमारी नेहरू के जमाने से ये पॉलिसी रही है।’
– ‘बीते कई सालों से हम दुनिया के कई देशों से साथ मिलकर काम कर रहे हैं लेकिन कोई भी फैसला लेने को लेकर भारत के पास पूरी आजादी है।’
– ‘सर्जिकल स्ट्राइक से जो सबसे बड़ी बात सामने आई वो ये कि हर आतंकी हमले के बाद फैसला लेने की लाचारी खत्म हुई। इससे भारत की इच्छाशक्ति और फैसला लेने की ताकत का पता लगता है।’
‘दुनिया के रिएक्शंस से पाक परेशान’
– अफसरों ने ये भी कहा, ‘सरकार मानती है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनियाभर से आए रिएक्शन से पाक का मनोबल गिरा है।’
– ‘पूरी दुनिया ने भारत के सीमा पार ऑपरेशन को सही माना है। इसका मतलब ये भी है कि हम दूसरी बार भी ऐसा कदम उठा सकते हैं। लेकिन ये देखना होगा कि दूसरी कार्रवाई पहली सर्जिकल स्ट्राइक से अलग तरह की हो।’
– ‘कोई भी कार्रवाई हमेशा 3 बातों पर निर्भर करेगी- स्पीड, स्किल और सरप्राइज।’ [एजेंसी]