डॉ. वीके पाटिल ने कहा, ‘हम लोगों का विश्लेषण यह जाहिर करता है कि देश में लॉकडाउन के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के दोगुने होने की दर में कमी आई है। साथ ही काफी जानें भी बची हैं। ऐसे में लॉकडाउन लागू करने का निर्णय सही समय पर लिया गया है।’
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है।
इस लॉकडाउन के तहत लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर देश में लॉकडाउन ना लगाया गया होता तो देश के हालात क्या होते।
शुक्रवार को कोरोना संक्रमण पर मंत्रालयों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य और इम्पावर्ड ग्रुप 1 के चेयरमैन डॉ. वीके पाटिल ने इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस समय देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 23,452 है, लेकिन अगर देश में लॉकडाउन ना लगा होता तो इस समय यह संख्या 73000 होती।
डॉ. वीके पाटिल ने कहा, ‘हम लोगों का विश्लेषण यह जाहिर करता है कि देश में लॉकडाउन के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के दोगुने होने की दर में कमी आई है। साथ ही काफी जानें भी बची हैं। ऐसे में लॉकडाउन लागू करने का निर्णय सही समय पर लिया गया है।’
शुक्रवार को सरकार के मंत्रालयों की ओर से हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि देश में 23 मार्च से पहले कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुने होने का समय 3 दिन मापा गया था।
इसके बाद लॉकडाउन लागू किया गया, जिसके परिणाम बाद में दिखने शुरू हुए। 29 मार्च को केस दोगुने होने का समय बढ़कर 5 दिन हो गया। इसके बाद 6 अप्रैल से देश में हर 10 दिन में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में पिछले 24 घंटे में 1752 नए केस सामने आए हैं। इसके बाद देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 23,452 हो गई है। देश में अब तक 723 लोगों की मौत हुई है।