इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम कौंसिल [आईएएमसी ]ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के एक गांव में गोमांस खाने की अफवाह में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की निंदा की है। आईएएमसी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा है, “भीड़ के अमानवीय व्यवहार के साथ यह भी बेहद चिंताजनक है कि पुलिस ने भीड़ की भावनाओं का सम्मान करने के लिए पीड़ित परिवार के घर में रखे मांस को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया।”
बयान में कहा गया है, “इसने वस्तुत: पीड़ित को आरोपी में बदल दिया। जबकि सच्चाई यह है कि अगर परिवार के पास गोमांस (बीफ) था तो भी यह उत्तर प्रदेश के गाय संरक्षण कानून के खिलाफ नहीं था।” आईएएमसी ने अधिकारियों पर कर्तव्यपालन में कोताही का आरोप लगाते हुए मीडिया से आग्रह किया है कि वह ‘घटना के पीछे छिपी बड़ी साजिश का पर्दाफाश करे।’
एक हफ्ते पहले ग्रेटर नोएडा के बिसाड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक को भीड़ ने यह कहते हुए पीट-पीट कर मार डाला था कि उसने घर में गाय को काटा है।
आईएएमसी का कहना है कि घटना को ऐसे अंजाम दिया गया जैसे कि लगे कि यह एक असभ्य भीड़ की तरफ से की गई अचानक की हिंसा हो, लेकिन इस बात के पुख्ता संकेत मिल रहे हैं कि यह एक सुनियोजित घटना थी।
संस्था ने कहा है कि इस घटना का मकसद इलाके में मुसलमानों को आतंकित करना और भारत में कई राज्यों में गोमांस पर रोक के खिलाफ फैले असंतोष के स्वर को दबाना है। आईएएमसी अमेरिका में भारतीय मुसलमानों की संस्था है, जो “भारत के बहुलतावादी और सहिष्णु मूल्यों की रक्षा के लिए काम करती है। -एजेंसी