नई दिल्ली- देश में दाल की कमी न हो और लोगों को सस्ते दामों पर दाल मिल सके इस पर सरकार तेजी से काम कर रही है। भारत अब मोजांबिक में दालों की पैदावार करवाएगा और इसके लिए मोजांबिक की हर तरह से मदद करेगा।
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भारत में दाल की कमी को पूरा करने के लिए भारत मोजंबिक में अरहर और उड़द दाल उगाएगा फिर आयात करेगा। मोजंबिक के साथ करार होने पर अगले पांच सालों में दाल का आयात मौजूदा 1 लाख टन से बढ़ाकर दो लाख टन करने की योजना है।
मोजांबिक में हर साल करीब 60 हजार टन अरहर दाल होती है। बताया जा रहा है कि भारत को दालें मुहैया कराने के लिए मोजांबिक हर साल 25 हजार टन तक दालों की पैदावार बढ़ाएगा।
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भारत में हर साल 2.46 करोड़ टन दालों की खपत है। जबकि देश में दालों की सालाना पैदावार महज 1.73 लाख टन ही है। हर साल 90 लाख टन दाल की मांग बढ़ रही है। इस तरह मांग के मुकाबले देश में 73 लाख टन दाल की कमी है।
देश में दालों की कमी को पूरा कैसे किया जाए इसके लिए भारत की तरफ से दो सदस्यीय टीम म्यांमार और मोजांबिक का पहले ही दौरा कर चुकी है।
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दालों की कमी को लेकर आज फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में भी चर्चा हुई। इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरूण जेटली ने की। बताया जा रहा है कि देश में इस साल दाल की पैदावार 170 लाख टन से बढ़कर 200 लाख टन से ज्यादा होने के आसार हैं।
दाल की पैदावार बढ़ाने और सस्ती करने के लिए भारत लेगा मोजांबिक की मदद !
Why Indian govt needs to raise pulses production and not rely on hiking imports from Mozambique