अच्छी नौकरी के झांसे में आकर कुवैत गए और वहां अमानवीय व्यवहार सहन करने को मजबूर उत्तर प्रदेश के गोंडा निवासी एक युवक के परिजनों ने उसकी घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है ! जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र में स्थित फिरोजपुर गांव के युवक अंसार खान (26) ने कुवैत में वादे के विपरीत अमानवीय तरीके से काम लिए जाने से त्रस्त होकर भारतीय दूतावास से मदद मांगी है !
युवक के परिजनों के मुताबिक उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है ! पैसे और खाने-पीने का सामान नहीं होने की वजह से वह पिछले एक हफ्ते से दूतावास में भूखा-प्यासा पड़ा है !
इस मामले में खान के पिता बहरैची ने बताया कि उनका पुत्र कुवैत में एक एजेंट द्वारा उपलब्ध कराए गए वीजा पर पिछले 15 जनवरी को दो साल के लिए कुवैत गया था ! उनके बेटे को ‘ऑफिस ब्वॉय’ के रूप में रोजाना आठ घंटे काम करने की बात कही गई थी !
बहरैची का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को कुवैत भेजने के लिए जमीन बेचकर मिले एक लाख पैंतीस हजार रुपये एजेंट को दिए थे ! कुवैत पहुंचने के बाद उनके बेटे को तेज गर्मी में ऊंट और भेड़ चराने के काम में लगा दिया गया ! साथ ही रोजाना 16 से 18 घंटे काम लेते हुए प्रताड़ित भी किया जाने लगा !
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे को अब तक केवल एक महीने की तनख्वाह दी गई है, जबकि उसे काम करते हुए तीन महीने पूरे हो चुके हैं ! प्रताड़ना से दुखी अंसार 20 अप्रैल को भागकर कुवैत स्थित भारतीय दूतावास पहुंचा ! वहां उसने अपनी लिखित शिकायत क्रमांक 1425 पर दर्ज कराई !
शिकायत पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है ! बहरैची का कहना है कि उनके बेटे के पास अब न तो खाने-पीने का सामान है और न ही देश वापस लौटने के लिए पैसा है ! वह एक हफ्ते से भूखा-प्यासा दूतावास परिसर में ही रुका हुआ है !
उनका कहना है कि खान को कुवैत भेजने के लिए उन्होंने अपना खेत बेचकर पैसा दिया था ! अब उसे कोई कर्ज भी देने को तैयार नहीं है, जिससे वह बेटे को वापस लाने की कोशिश कर सकें ! बहरैची ने गुहार लगाई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हस्तक्षेप कर उनके बेटे को तत्काल भारत लाने में मदद करें !
अपर पुलिस अधीक्षक रवींद्र कुमार सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है, लेकिन विदेश मंत्रालय से संबंधित होने के कारण स्थानीय स्तर पर इसमें कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है !