पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद पीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से एक बार फिर मिलना बहुत ही मजेदार लगा। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के बारे में ओबामा फाउंडेशन और उनके दृष्टिकोणों पर उनके नेतृत्व में नई पहल की जा रही है।
बता दें कि बराक ओबामा शुक्रवार को दिल्ली में हैं। आठ सालों तक विश्व के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति रहे बराक करीब दो साल बाद भारत में हैं। पिछली बार बराक 2015 में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने भारत आए थे।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को कहा कि भारत को अपनी मुस्लिम आबादी का लालन-पोषण करना चाहिए। इस विचार को ताकतवर बनाए जाने की जरूरत है। एक मीडिया सम्मेलन में ओबामा ने कहा कि 2015 में अपने पिछले भारत दौरे के दौरान उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक आजादी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी।
ओबामा ने कहा कि भारत में एक बड़ी मुस्लिम आबादी है। जो सफल है, एक है और खुद को भारतीय मानती है। यह दुखद है कि कुछ दूसरे देशों में ऐसा नहीं होता है। इसलिए भारत को अपनी मुस्लिम आबादी के पालन-पोषण की जरूरत है। मैं जानता हूं कि मोदी भारत की एकता में यकीन रखते हैं, लेकिन उसे बनाए रखने की जिम्मेदारी सबकी है।
अपने दौरे के अंतिम दिन ओबामा ने सार्वजनिक बातचीत में भी इसी तरह की टिप्पणी की। उनका यह बयान धर्मांतरण को लेकर हो रहे विवाद की पृष्ठभूमि में आया है। जब ओबामा से सवाल पूछा गया कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है तो उन्होंने जवाब दिया, हमें इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में होने की जानकारी वहां की सरकार को थी, पर कुछ जरूर है, जिसे हमने देखा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया में कानून स्थापित करने के लिए हमने काफी कुछ किया है। इसके बावजूद तनाव बना हुआ है। दुनिया में वैश्वीकरण, आतंकवाद और असमानता ने तनाव बढ़ा दिया है।
कहा, मोदी के पास देश के लिए विजन है
प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए ओबामा ने कहा, नरेंद्र मोदी के पास देश के लिए विजन है। वह ब्यूरोक्रेसी को आधुनिक बना रहे हैं। मैं उन्हें पसंद करता हूं। मैं और मोदी नौ बार मिल चुके हैं।
मोदी के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपना दोस्त बनाते हुए ओबामा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण की नींव रखी।
भारत को वैश्विक स्तर पर भूमिका निभानी है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने आगे कहा कि भारत को एशिया ही नहीं, वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका निभानी है। भारत वैश्विक स्तर पर पहले से ही अच्छा काम कर रहा है।