प्रधानमंत्री मोदी के यूएई दौरे के दौरान भारतीय कंसोर्टियम को तेल संसाधन में हिस्सेदारी मिली है। पब्लिक सेक्टर तेल प्रोडक्शन कंपनियों के बीच शनिवार को इसके आॅफशोर लोअर जैकम कंसेशन में 10 फीसदी की हिस्सेदारी मिली है।
खबर के मुताबिक, लोअर जैकम तेल क्षेत्र से रोज 4 लाख बैरल तेल का उत्पादन होता है, 2025 तक इसे 4.5 लाख बैरल तक बढ़ा दिया जाएगा। अबू धाबी यूएई का हिस्सा है जो गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) का सदस्य है। पीएम अपने 4 दिन के दौर के बाद आज वापस भारत आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के यूएई दौरे के दौरान भारतीय कंसोर्टियम को तेल संसाधन में हिस्सेदारी मिली है। पब्लिक सेक्टर तेल प्रोडक्शन कंपनियों के बीच शनिवार को इसके आॅफशोर लोअर जैकम कंसेशन में 10 फीसदी की हिस्सेदारी मिली है।
इसमें ओएनजीसी (विदेश), भारत पेट्रो रिसोर्सेज, इंडियन ऑयल की कंसोर्टियम और अबू धाबी के नेशनल ऑयल कंपनी शामिल है। जिनके बीच 10 फीसदी भागीदारी को लेकर समझौता हुआ है।
बता दें कि यूएई भारत को सबसे ज्यादा तेल की आपूर्ति करता है, जो भारत का दसवां सबसे बड़ा निवेशक है। यह समझौता 9 मार्च 2018 से लागू होगा, जिसकी अवधि 40 साल तक के लिए होगी। इस डील की कुल कीमत 3850 करोड़ है।
मोदी ने भारत-ओमान व्यापार बैठक में निवेशकों को दिया निवेश का न्योता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां आयोजित भारत-ओमान व्यापार बैठक में खाड़ी और पश्चिमी एशिया क्षेत्र के उद्यमियों के साथ मुलाकात की और भारत को व्यापार के लिहाज से अनुकूल स्थान के रूप में निवेशकों के सामने पेश किया।
3 देशों की यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को यहां पहुंचे। उन्होंने सोमवार को ओमान के अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सहयोग मामलों के लिए उप प्रधानमंत्री सैयद असद बिन तारिक अल सईद से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने पारस्परिक हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर गंभीरता से चर्चा की।
कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि 4 दिन में 4 देशों की यात्रा ने खाड़ी देशों और पश्चिम एशिया में हमारी पैठ को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चौथा दिन मस्कट में भारत-ओमान व्यापार बैठक के साथ शुरू हुआ। मोदी ने बैठक में कारोबार के लिहाज से आकर्षक स्थान के रूप में भारत की वकालत की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मस्कट के ऐतिहासिक शिव मंदिर जाएंगे।
यह इस क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर है और सुल्तान के महल के निकट मत्राह क्षेत्र में स्थित है। मंदिर का निर्माण 125 साल पहले गुजरात के व्यापारी समुदाय द्वारा कराया गया था और बाद में 1999 में इसका जीर्णोद्धार हुआ था। मंदिर में 3 देवता- श्री आदि मोतीश्वर महादेव, श्री मोतीश्वर महादेव और श्री हनुमानजी हैं। शुभ दिनों के दौरान 15,000 से अधिक श्रद्धालु यहां प्रार्थना के लिए आते हैं।
दिल्ली आने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुल्तान कबूस ग्रैंड मस्जिद भी जाएंगे।