आगरा- सऊदी अरब में दो हज़ार से ज़्यादा फंसे हुए भारतीयों को मुल्क वापसी की मांग मरकज़ी हुकूमत समाजी कारकुन नज़ीर अहमद ने की है । नज़ीर ने नुमायंदे से बात करते हुए कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अरब मुल्क में दर दर की ठोकर खा रहे भारतीयो की वापसी का रास्ता निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मालूमात मिल रही है कि जिस कंपनी में वह मुलाज़मत कर रहे थे उस कंपनी ने उन लोगो को 6 माह की तनख्वाह न देते हुए उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिए है । उनलोगो को खाने का कोई बंदोबस्त नहीं है । वोह दुसरो के रहमो करम पर ज़िंदा है। मेरी सुषमा जी से अपील है कि वह अरब में फंसे भारतीयों को हिफाज़त से वापसी की कोशिश करे।
ज्ञात हो कि सऊदी अरब के अल खोबर शहर में फंसे भारतीय मजदूरों के परिजनों को अब उनके देश वापसी की आस जगी है। मजदूरों के परिजनों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात कर परेशानी बताई।
विदेश मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा है कि दो दिन में मजदूरों को सऊदी अरब से वापस लाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। मूल रूप से बिहार के सिवान जिले के गांव छाता निवासी मुकुल ध्रुव दो वर्ष पूर्व सऊदी अरब की अल खोबर सिटी स्थित साद ग्रुप नामक कंपनी में काम करने के लिए गए थे।
उन्होंने वहां से लोनी निवासी अपने दामाद संजय को वीडियो क्लिप भेजकर बताया था कि कंपनी उन्हें वेतन, खाना और दवाइयां नहीं दे रही है। अपने साथ ही उन्होंने वहां करीब चार हजार लोगों के फंसे होने की जानकारी दी थी।
सभी ने अपने परिजनों को वीडियो व्हाट्स एप पर भेजी थी। सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों से पीड़ित परिवार जंतर-मंतर पर एकत्र हुए। परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।
विदेश मंत्री ने अमर उजाला के जरिए लोगों के वहां फंसे होने की जानकारी होने के बारे में परिजनों को बताया। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब के राजदूत से बात की गई थी, जिससे पता चला कि साद ग्रुप कंपनी दिवालिया हो चुकी है। उन्होंने परिजनों से कहा कि दो दिन में सऊदी अरब से भारतीय मजदूरों को देश लाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
रिपोर्ट- @सुहैल उमरी