नई दिल्ली- केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पिछली संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी ‘इंदिरा आवास योजना’ का नाम बदलने जा रही है। ग्रामीण विकास मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने लोकसभा में गंगा राजू और राजवीर सिंह के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आवास मिशन’ रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 तक सभी को पक्के घर उपलब्ध कराने की सरकार की योजना के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इंदिरा आवास योजना को दुरूस्त करने की पहल की है। इसके तहत प्रत्येक घर की निर्माण लागत में वृद्धि के साथ ही शौचालय को प्रत्येक घर का अनिवार्य हिस्सा बनाने और मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इसका क्रियान्वयन एक अभियान के रूप में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वर्ष 2015-16 के लिए 24910 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। इंदिरा आवास योजना के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 59585 करोड़ रूपये का परिव्यय अनुमोदित किया गया है और इसके तहत डेढ़ करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य है। इसमें 12वीं योजना के पहले दो वषरे में इस योजना के लिए 22,208 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं और 54. 82 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 के दौरान 30 लाख और 2016-17 के दौरान 35 लाख घरों को आवंटित करने का प्रस्ताव है। -एजेंसी