इंदौर; भाजपा पार्षद और अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष उस्मान पटेल ने शनिवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित होकर 40 साल पहले भाजपा से जुड़े पटेल सरकार द्वारा लाए नागरिकता संसोधन बिल और एनसीआर से खफा थे। उन्होंने इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताते हुए अपने कार्यकर्ताओं सहित पार्टी छोड़ दी।
बीजेपी नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण ने बताया कि भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल होना का और छोड़ना का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पटेल पार्टी के वरिष्ठ नेता थे, दुर्भाग्य है कि वे देशहित में बने कानून को समझ नही सके।
खजराना के वॉर्ड- 38 के वर्तमान भाजपा पार्षद उस्मान पटेल ने त्यागपत्र के साथ एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि अटलजी से प्रेरित होकर पार्टी में आया था, लेकिन अब वे पार्टी से आहत हैं। क्योंकि देश तोड़ने की विचारधारा इस समय काम कर रही है, इसीलिए इस्तीफा दे रहा हूं। अब पार्टी अपने सिद्धांतों से बदल गई है।
नफरत की राजनीति कर रही है और जो नया कानून सीएए-एनसीआर और एनपीआर लाया गया है, वह मुस्लिम विरोधी है, देश के संविधान के खिलाफ है। मेरे कौम की जो मां-बहन,भाई, बुजुर्ग सड़कों पर बैठे हैं, मैं उनके साथ हूं और हमेशा रहूंगा।
हिंदुस्तान… हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई से मिलकर बना है। यही हमारे देश की ताकत है। पटेल मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से दो बार भाजपा के टिकट पर पार्षद बने। पिछला चुनाव उन्होंने 22 के 22 बूथ जीतकर 5500 वोटों से जीत हासिल की थी।
बीजेपी पार्षद उस्मान पटेल ने बताया कि उनहोंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी वास्तविक मुद्दों से दूर हो गई है। यह केवल सांप्रदायिक राजनीति कर रही है। जीडीपी नीचे जा रही है और मुद्रास्फीति बढ़ रही है लेकिन पार्टी ऐसे कानून ला रही है जो सभी धर्मों के लोगों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं।
नगर के खजराना क्षेत्र से पार्षद उस्मान पटेल ने भाजपा के नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण को अपना इस्तीफा सौप दिया। उन्होंने कहा कि वे सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हैं। इसी के विरोध उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।
बीजेपी नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण ने बताया कि भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल होना का और छोड़ना का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पटेल पार्टी के वरिष्ठ नेता थे, दुर्भाग्य है कि वे देशहित में बने कानून को समझ नही सके।
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