इंदौर : इन्दौर जोन में पुराने व फाईल बंद हत्या के प्रकरणों को खोल कर सुलझाने की मुहिम “ऑपरेशन उजागर” चालू की गई थी। इस मुहिम के अन्तर्गत ऐसे सभी जघन्य़ हत्याकांड जो किन्हीं कारणों से समय पर नहीं सुलझाये जा सके, उन सभी पर विशेष ध्यान देकर कार्य करने हेतु निर्देश प्रसारित किये गये थे।
“ऑपरेशन उजागर” को सुचारू रूप से जोन में चलाने हेतु अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन, इन्दौर वरूण कपूर व्दारा एक “विशेष जाँच दल” का गठन किया गया था और इस दल को कई महत्वपूर्ण प्रकरण सुलझाने का दायित्व़ सौंपा गया था। इस दल व्दारा पहली सफलता प्राप्त़ करते हुए दस वर्ष पुराने “आशा व्यास हत्याकांड” का खुलासा करने में सफलता अर्जित की है।
इस प्रकरण का खुलासा करते हुए श्री कपूर ने आगे बताया कि दिनांक 28 जून, 2009 को दोपहर के समय व्यासफला, जमीदार की चाल निवासी, आशा व्यास की चाकू घोंप कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। उस वक्त़ उपरोक्त़ हत्या के बाद थाना रावजीबाजार जिला इन्दौर में अपराध क्रमांक 241/09 धारा 302, 34 पंजीबघ्द़ कर विवेचना में लिया गया था। सभी प्रयासों के बावजूद भी उपरोक्त़ प्रकरण नहीं सुलझ पाया था और कुछ समय बाद विवेचना बंद कर प्रकरण में खात्मा कता किया गया था। यद्यपि मृतका आशा व्यास की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। परन्तु प्रयासों के बावजूद भी प्रकरण सुलझ नहीं पाया था।
श्री कपूर को गोपनीय सूत्रों से पत्र व्दारा इस हत्याकांड के बारे में महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त़ हुई जिसको उन्होंने गठित विशेष जाँच दल के प्रभारी उप निरीक्षक रीतेश नागर को दी और उन्हें सूक्ष्म़ जाँच कर उपरोक्त़ प्रकरण को सुलझाने के निर्देश दिये।
इस जाँच दल के व्दारा मृतका आशा व्यास के हत्याकांड के सभी पहलुओं पर गहन जाँच प्रारम्भ़ की, जिसके बाद एक-एक करके सभी परतें खुलती गई और इस चुनौती पूर्ण हत्याकांड का खुलासा करने में सफलता प्राप्त़ हुई। प्रकरण में पतारसी करते हुए यह तथ्य़ सामने आया कि मृतका के अवैध संबंध उसी मोहल्ले में निवासरत मदनलाल बडोनिया नामक व्य़क्त़ि से थे। इस मदनलाल का परिवार एवं मृतका आशा व्यास का परिवार एक ही मकान के अलग अलग हिस्सों में किरायेदार के रूप में रहता था।
मृतका आशा अपनी माँ के साथ रहती थी और मदनलाल अपने बेटे अनिल व पत्नि के साथ । मदनलाल के आशा व्यास से संबंधों को लेकर उनके परिवार में अक्सऱ लडाई झगडा होता रहता था। इस विवाद के ज्यादा बढने पर मदनलाल बडदोदिया व्दारा मृतका आशा व्यास के लिए एक अन्य़ मकान किराये पर ले लिया था, जो उनके पुराने मकान से 50 मीटर की दूरी पर था। कुछ समय के बाद मृतका आशा व्यास की माँ का स्वर्गवास हो गया और उस मकान में आशा व्यास अकेली रहने लगी थी।
आशा व्यास से संबंधों के कारण प्राय: अनिल का विवाद अपने पिता से होता रहता था। इस प्रकार निरंतर विवाद के उपरांत जब कोई विकल्प़ अनिल को नहीं दिखा तो उसने मृतका आशा व्यास को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया । इस हेतु उसने उसी क्षेत्र के एक कुख्यात अपराधी अंकित शर्मा पिता रतनलाल शर्मा उम्र 27 साल निवासी चन्द्रभागा से सम्पर्क किया। उसे 25,000 रूपए की सुपारी देकर आशा व्यास को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए श्री कपूर ने बताया कि घटना के दिन आरोपी अनिल बडोदिया एवं आरोपी अनिल शर्मा दोनों घात लगाकर आशा व्यास के किराये के मकान के सामने इंतजार करते रहे परन्तु मृतका घर पर सुबह से ही नहीं थी जिसके इंतजार में दोनों आरोपी शनि गली की तरफ बैठ कर इंतजार करते रहे।
दोपहर में जब आशा व्यास अपने घर पर आयी तो थोडी देर बाद दोनों आरोपी वहाँ पहुंच गये और दरवाजा बजाया जिससे आशा व्यास बाहर आयी । उसी समय दोनों आरोपियों ने मृतका आशा व्यास को पकड कर झुकाया एवं उस पर चाकू से वार किये जो कि उसके पेट में लगे और चोंट लगने पर वह चिल्लाने लगी तो दोनों आरोपी वहां से भाग खडे हुए।
आरोपी अनिल पिता मदनलाल बडोनिया उम्र 43 वर्ष वहां से अपने गाँव पिवडाय चला गया । जहाँ उसने घटना में प्रयुक्त़ चाकू को भी जमीन में गाढ दिया और अपने अपने रास्ते निकल लिए। घटना की सम्पूर्ण तस्दीक होने के उपरान्त़ पुलिस ने आरोपी अनिल पिता मदनलाल बडोनिया उम्र 43 वर्ष निवासी गाँव पिवडाय थाना खुडेल को गिरफ्तार कर उसकी निशादेही पर घटना में प्रयुक्त़ चाकू भी बरामद कर लिया है। घटना का दूसरा आरोपी अंकित पिता रतनलाल पूर्व से ही जघन्य़ फायरिंग के जुर्म में जेल में निरूध्द़ है। आरोपी अंकित पिता रतनलाल शर्मा पर 11 जघन्य़ अपराध दर्ज हैं जिसकी इस प्रकरण में विधिवत गिरफ्तारी की जायेगी।
“ऑपरेशन उजागर” की मूहीम की सफलता के बारे में आगे जानकारी देते हुए अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इंदौर जोन, इंदौर श्री वरूण कपूर ने बताया कि उपरोक्त़ हत्याकांड को सुलझाने से इस मूहीम को नई गति मिली है। इस हत्याकांड को सुलझाने में विशेष जाँच दल के उप निरीक्षक रीतेश नागर, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र मिश्रा, आरक्षक जयवंत की प्रशंसनीय भूमिका रही है। अन्य़ ऐसे और भी हत्याकांड में न केवल इन्दौर जिले में वरन जोन के अन्य़ जिलों में गहन जाँच जारी है और जल्द़ ही इस प्रकार के फाईल बंद हत्याकांड के सुलझने की सम्भावना है।
ऐसे जघन्य़ प्रकरण जो कि सालों से बंद होकर सुलझने से दूर रहे, उनके सुलझने से न केवल कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आते हैं अपितु परिजनों को भी अंतत: न्याय मिलने की उम्मीद जागृत होती है। “ऑपरेशन उजागर” अनवरत क्षेत्र में जारी रहेगा, इस तथ्य़ का आश्वासन अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इंदौर जोन, इंदौर श्री वरूण कपूर ने दिया है और विशेष जाँच दल के अधिकारियों के व्दारा किये गये उत्कृष्ट़ कार्य के लिए उनको उचित रूप से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।