खंडवा: गरीब की कोई नहीं सुनता साहब? मैंने अपनी आंखों के सामने अपनी बेटी की दर्दनाक मौत देखी है। उस पर लाचारी ये कि मुझे आज घर की बेहद खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए मदद के लिए कलेक्टर साहब से गुहार लगाने आना पड़ा। अगर मेरे घर की हालत अ’छी होती तो मैं घर से भी न निकलती। हमारी मदद के लिए कोई भी सामने नहीं आया। रोते हुए यह शब्द उस मां के थे जिसने मंगलवार को रोशिया फाटे पर अपनी मासूम बेटी की दर्दनाक मौत को देखा था। हादसे के बाद परिवार पूरी तरह टूट चुका है। प्रशासन की उदासीनता के चलते अब तक इस गरीब परिवार की कोई भी तत्काल मदद नहीं की गई है।
गुरूवार दोपहर को बंगाली कालोनी निवासी मृतक तमन्ना के पिता हैदर अपनी पत्नि सहित अन्य महिलाएं भी कलेक्टर कार्यालय मदद की गुहार लेकर पहुंची। कलेक्टर की अनुपस्थिति में अपर कलेक्टर अनुभा जैन से मिलकर इस परिवार ने आर्थिक मदद की गुहार लगाई। क्षेत्रवासियों के अनुसार घटना को लगभग तीन दिन का समय गुजर चुका है लेकिन प्रशासनिक मदद नहीं मिली। लोगों ने बताया कि तीन दिन में किसी भी अधिकारी ने इस परिवार से संपर्क नहीं किया।
मां का रो-रो कर बुरा हाल
आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंची तमन्ना की मां रूखसाना का बुरा हाल है। लगभग तीन दिन पहले हुए हादसे को वह भूला नहीं पा रही है। कलेक्टर परिसर में साथ पहुंची महिलाएं उन्हें पकड़ कर चल रही थी और वह बार-बार गस खाकर गिर रही थी। रूखसाना के अनुसार वे दूसरों के घर में काम करती है और पति दिव्यांग है। हादसे के बाद से पूरा परिवार टूट गया है। प्रशासन की तरफ से कोई भी मदद नहीं मिली है।
हर संभव मदद की जाएगी
तमन्ना के परिजन आज सहायता के लिए मिले थे। इस परिवार ने एक लाडली ब’ची को खोया है। परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी। प्रशासन की जिस स्कीम से भी इनकी सहायता संभव होगी की जाएगी। साथ ही तमन्ना की छोटी बहन की शिक्षा की मदद के लिए जो बेहतर होगा किया जाएगा।
अपर कलेक्टर, अनुभा जैन
यह था पूरा घटनाक्रम
मंगलवार खंडवा-इंदौर मार्ग पर रोशिया फाटे के पास हुए दर्दनाक हादसे से लोगों की रूह कांप गई। बस में अपनी मां के साथ इंदौर जा रही मासूम लड़की ने खिड़की से झांक कर उल्टी के लिए सर बाहर निकाला तो एक ट्रक ने उसका सर धड़ से अलग कर दिया। बस में बैठे लोगों ने यह हादसा देखा तो उनकी रूह कांप गई। यह घटना मंगलवार सुबह देशगांव थाने के समीप रोशिया गांव में हुई जहां एक अन्धे मोड़ पर ट्रक और बस रगड़ खाकर निकले।