जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में ज्यादातर लोग राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े नहीं हुए।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा ध्वजारोहण किए जाने के बाद हालांकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विधायक, एमएलसी, नौकरशाह और राजनीतिक दलों के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य लोग राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े हुये। इस मौके पर मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
अठारह हजार की क्षमता वाले इस स्टेडियम में लगभग तीन हजार दर्शक ही मौजूद थे। यहां पहली बार परेड में भाग ले रही उत्तर प्रदेश पुलिस की टुकड़ी के लिए स्टेडियम में दर्शकों की कम संख्या चौंकाने वाली थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस दल का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपाधीक्षक शिवदान सिंह ने कहा कि राज्य में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में कम लोगों का आना निराशाजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य में, स्वतंत्रता दिवस उत्सव की तरह मनाया जाता है।’’
उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच शहर के परेड ग्राउंड में स्थित मिनी स्टेडियम में आयोजित आधिकारिक कार्यक्रम में तिरंगा फहराया। सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद गार्ड आॅफ आॅनर लिया और राज्य पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारतीय रिजर्व पुलिस, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) और वन संरक्षण बल की टुकड़ियों द्वारा किए गए मार्च पास्ट की सलामी ली।
जम्मू और आस पास के क्षेत्रों के विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के 2,500 से अधिक छात्रों ने मार्च पास्ट में भाग लिया और बाद में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष कवींद्र गुप्ता, भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा, शिक्षा मंत्री प्रिया सेठी और नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र राणा समेत विपक्ष के कई नेताओं ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य लोगों में जम्मू के मंडल आयुक्त मनदीप के भंडारी, पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू) एस डी सिंह, उपायुक्त कुमार राजीव रंजन शामिल थे। पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के जवानों ने स्टेडियम की आसपास की सड़कों की घेराबंदी कर रखी थी और आसपास की ऊंची इमारतों पर भी पुलिसर्किमयों को तैनात किया गया था।