लखनऊ- उत्तर प्रदेश में सामाजिक कार्यकर्ता की तरह काम करने के लिए चर्चित आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी (निलंबित) अमिताभ ठाकुर काफी जद्दोजहद के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में कामयाब हो गए। इस सिलसिले में मुलायम सिंह से लिया गया बयान अब सामने आया है।
मुलायम ने बयान दिया है कि उन्होंने अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकाया नहीं था, बल्कि समझाया था। यह बयान हजरतगंज पुलिस के विवेचक केएन तिवारी ने 30 सितंबर को मुलायम के आवास 5, विक्रमादित्य मार्ग पर जाकर लिया था। बयान के मुताबिक, मुलायम ने कहा है कि वह आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनके परिवारजनों से काफी अरसे से परिचित हैं और बीच-बीच में वह उनसे मिलने भी आते थे। विगत दिनों कुछ जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ताओं, समाचार पत्र व मीडिया के माध्यम से शिकायत मिल रही थी कि जहां कोई संवेदनशील घटना होती है, वहां अमिताभ जाकर मनमाने ढंग से बयानबाजी करते हैं, जिससे वहां माहौल और खराब होता है।
मुलायम ने कहा है कि 10 जुलाई, 2015 को कुछ जनपदों के कुछ लोगों ने आकर उनसे व्यक्तिगत शिकायत की थी। इस पर उन्होंने ऐसा नहीं करने के लिए अमिताभ को फोन पर समझाया था। बकौल मुलायम उनका आशय अमिताभ को डराने या धमकाने का नहीं था।
वहीं अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि उन्हें जनहित के मुद्दों पर निजी हैसियत में मौके पर जाने का पूरा अधिकार है और मुलायम सिंह को उनके निजी सामाजिक कार्यों को रोकने का प्रयास करने का कोई अधिकार नहीं था। जिस तरह की बात उन्होंने फोन पर कही थी, वह साफ तौर पर धमकी थी। अमिताभ ने कहा है कि वह इन बातों को अदालत के सामने रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुलायम पर आरोप लगाने के बाद आईपीएस अमिताभ को निलंबित कर दिया गया। दरअसल, अमिताभ ने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की थी। बदले में अमिताभ के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत कर दी गई। साथ ही उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हो गया। इसके अलावा दुष्कर्म के आरोप वाला एक मुकदमा भी उन पर ठोक दिया गया।