कराची : पाकिस्तान में कराची से 200 किलोमीटर दूर स्थित सूफी संत लाल शहबाज कलंदर की दरगाह में मौजूद जायरिनों के बीच गुरुवार शाम आतंकी संगठन आईएस के आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इसमें करीब 100 लोगों की मौत हो गई और ढाई सौ से ज्यादा जख्मी हो गए।
हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि खून की हर बूंद का बदला आतंकवादियों से लिया जाएगा।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि करीब 100 लोगों की मौत हो गई जिनमें महिलाएं और बच्चे भी हैं। हमले के वक्त दरगाह में सैकड़ों की तादाद में जायरिन मौजूद थे।
आईएस ने ली जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने अपनी न्यूज एजेंसी अमाक पर बताया कि आत्मघाती हमलावर ने सिंध में दरगाह में शिया समूह को निशाना बनाया।
इस सप्ताह पांचवां बड़ा हमला
13 फरवरी : लाहौर में पंजाब असेंबली के बाहर एक विरोध रैली में धमाका। 14 की मौत। पाकिस्तान तालिबान समर्थित जमात-उल-अहरार ने ली जिम्मेदारी।
13 फरवरी : क्वेटा में आतंकी हमला नाकाम लेकिन बमों को निष्क्रिय करने के दौरान दो अधिकारियों की मौत।
15 फरवरी : पेशावर के हयाताबाद इलाके में मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने न्यायाधीशों के वाहन के पास खुद को उड़ाया। वाहन चालक और एक राहगीर की मौत। तीन महिला और एक पुरुष न्यायाधीश जख्मी। जमात-उल-अहरार ने ली जिम्मेदारी
15 फरवरी : उतर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मोहमंद कबायली इलाके में हमलावर ने सरकारी इमारत के पास खुद को उड़ा लिया। चार सुरक्षाकर्मियों सहित छह की मौत। जमात-उल-अहरार ने ली जिम्मेदारी।
हैदाराबाद के आयुक्त काजी शाहिद ने बताया कि दरगाह हैदाराबाद से 130 किलोमीटर दूर निर्जन इलाके में है। वहां हैदराबाद, जमशोरो, मोरो, दादू और नवाबशाह से एंबुलेंस और मेडिकल टीमें भेजी गई हैं। क्षेत्र के सभी अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। घटनास्थल से सबसे करीब अस्पताल 40 से 50 किमी की दूरी पर होने के कारण कई लोगों ने समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया।
लाल शहबाज कलंदर प्रसिद्ध सूफी दार्शनिक और कवि हैं। कई कव्वाली में भी उनका जिक्र आता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सूफी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाकर अक्सर हमले होते रहते हैं। 2005 के बाद से 25 से ज्यादा सूफी दरगाहों पर हमले हुए हैं। इनमें से ज्यादातर की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली है।