पाकिस्तान भारत से जुड़ी खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के ऐसे ही एक नापाक मंसूबे को विफल कर दिया है।
एजेंसी ने पाकिस्तान में तैनात तीन भारतीय अफसरों को हनीट्रैप करने की कोशिश की थी, जिसे उन्होंने समय रहते ही भांप लिया था। तीनों अधिकारियों को वापस बुला लिया गया है। उच्चायोग में ये तीनों सरकारी दस्तावेजों का अनुवाद करते थे। जांच जारी होने के कारण इन अधिकारियों के नाम गुप्त रखे गए हैं।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, आईएसआई ने संवेदनशील सूचनाएं हासिल करने के लिए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात तीन अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का जाल बिछाया था। आईएसआई की साजिश का पता चलने के बाद इस सप्ताह के शुरुआत में ही तीनों अधिकारियों को भारत वापस बुला लिया गया। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है।
साजिश की शुरुआत में भनक लग जाने के कारण संवेदनशील दस्तावेज आईएसआई के हाथ में जाने से पहले ही इसे विफल कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में तीनों अधिकारियों द्वारा किसी तरह का गलत काम करने की बात सामने नहीं आई है। उन्हें दोबारा पाकिस्तान में तैनात किए जाने की संभावना नहीं है।
विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा दुश्मन देश के अधिकारियों को जाल में फंसाने का मामला बेहद आम है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा भारतीय अफसरों के खिलाफ इस तरह की गतिविधि को असामान्य बताया जा रहा है।
कई बार किए गए प्रयास
लैंग्वेज सेक्शन में काम करने वाले अधिकारी सरकारी और संवेदनशील दस्तावेजों का अनुवाद करते हैं। बताया जा रहा है कि आईएसआई ने अधिकारियों को फंसाने के लिए कई प्रयास किए थे। लेकिन, अफसरों को इसका आभास हो गया था।
उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क साधा था, जिसके बाद उन्हें अविलंब भारत लौटने का आदेश दिया गया था। यहां तक कि इन जूनियर अफसरों को महिलाओं ने एक होटल में ले जाकर उन्हें बहकाने और फिर उनका वीडियो बनाने का भी प्रयास किया था।
माधुरी गुप्ता मामला
पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात भारतीय अधिकारियों पर पूर्व में भी संवेदनशील सूचनाएं लीक करने के आरोप लगे हैं। वर्ष 2010 में उच्चोग में तैनात माधुरी गुप्ता द्वारा आईएसआई को खुफिया जानकारी देने का मामला प्रकाश में आया था। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।