नई दिल्ली- दुनिया के सबसे खूंखार और भयानक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट यानि (आईएस) के ऐलान-ए-आतंक में भारत है, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। ब्लैक फ्लैग ऑफ आईएस के नाम से कुछ इस्लामिक वेबसाइट्स पर आए आईएस के मेनिफेस्टो या घोषणापत्र में भारत को निशाने पर रखा गया है, साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी जमकर जहर उगला गया है।
ये पहला मौका है जब आईएस ने अपना मेनिफेस्टो दुनिया के सामने रखा है। इसे ही ऐलान-ए-आतंक कहा जा रहा है। इसे आतंक की किताब कहा जा रहा है। ब्लैक फ्लैग्स ऑफ इस्लामिक स्टेट में धमकियां हैं, दावे हैं, जेहाद की अपनी व्याख्या है, खून खराबे को सही ठहराने की कोशिश है और भविष्य में इस्लाम के रक्षा के लिए जंग छेड़ने का इरादा है।
आईएस अब इराक और सीरिया से बाहर निकलेगा, अब वो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अपने पैर फैलाएगा। आईएस अब भारत के खिलाफ जंग छेड़ेगा। हैरत की बात ये है कि अमूमन भारत के राजनीतिक नेतृत्व को लेकर खामोश रहने वाले इस कट्टर संगठन ने इस दफा अपने घोषणापत्र में न केवल प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया। बल्कि उनपर जमकर आरोप भी मढ़े।
जेहादी वेबसाइट्स पर उतारे गए इस ब्लैक फ्लैग्स ऑफ आईएस नाम से घोषणापत्र में लिखा गया है प्रधानमंत्री मोदी दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी हैं और वो हथियारों की पूजा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी मुसलमानों के खिलाफ भविष्य में जंग के लिए अपने लोगों को तैयार कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टी ज्यादा से ज्यादा लड़ाकों की भर्ती के लिए प्रोपोगैंडा करती हैं। हथियारों से लैस मिलिशिया तैयार की जा रही है जो एक धर्म विशेष को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानती है।
दिलचस्प बात ये है कि अब तक पूरी दुनिया में मुसलमानों का सबसे बड़ा हत्यारा इस्लामिक स्टेट अपने घोषणापत्र में खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा रहनुमान बनाने की कोशिश में है। दिलचस्प बात ये भी है कि दुनिया का सबसे अमीर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट जेहाद के नाम पर नौजवानों से आराम तलबी छोड़ने को कह रहा है। दिलचस्प बात ये भी है कि अपने वहशी सलूक के लिए दुनिया भर में दहशत का दूसरा नाम बन चुका इस्लामिक स्टेट उस भविष्यवाणी पर खेल रहा है जिसमें कहा गया है कि अंतिम जंग इस्लाम और ईसाइयों के बीच होगी।
बगदादी का घोषणापत्र मे कहा गया है कि भविष्य में इस्लाम के लिए जंग हर देश को अपनी चपेट में लेगी, वैसे भी दुनिया में डेढ़ अरब मुसलमान हैं। ये लोग हर जमीन पर, हर जगह दुनिया की दूसरी ताकतों के खिलाफ लड़ेंगे। नए वर्ल्ड ऑर्डर के खिलाफ ये जंग अपने चरम पर उस वक्त पहुंचेगी जब ये जंग अल-दज्जाल (एंटी क्राइस्ट) के खिलाफ होगी। अगर आपने अपनी आराम की जिंदगी नहीं छोड़ी तो आप भी इसी नए वर्ल्ड ऑर्डर में खींच लिए जाओगे। ऐसा होने पर आपको जुल्म करने वालों के हुक्म मानने होंगे, या फिर आप अपने देश से निकलें और मजहब और अपनी जिंदगी को बचाने के लिए हथियार उठाएं।
अपने दुष्प्रचार के लिए बदनाम, नौजवानों के दिमाग में जेहाद के नाम पर खून खराबा करने का जहर गहरे रोपने वाले इस्लामिक स्टेट उर्फ आईएस के मुखिया अल बकर बगदादी की इस आतंक की किताब में जेहाद तैयार करने के नुस्खे भी सुझाए गए हैं। इसमें लिखा है कि कैसे खुफिया दस्ते तैयार किए जाएं, कैसे विस्फोटक तैयार किए जाएं और कैसे पकड़े जाने से बचने के लिए हर बात गुप्त रखी जाए ताकि दुश्मन टोह न ले सके।
आईएस की रणनीति है- मारो, भागो और छुपो। ताकि आपकी तलाश में लाखों-करोड़ों रुपए फूंके जाएं, ताकि बड़े-बड़े शहर ठप पड़े रहे और पैसे का भारी नुकसान हो। जैसे बेल्जियम में हुआ, आतंकी हमले के डर में बेल्जिम में कामकाज ठप करना पड़ा, जिसकी वजह से उसे रोज 5 करोड़ 30 लाख यूरो का नुकसान हुआ। आखिर क्यों सिर्फ उन 20 लोगों को खोजने के लिए जिनके पास सिर्फ एके-47 राइफलें थीं, इन राइफलों को खरीदने में सिर्फ चंद हजार डॉलर्स का खर्चा आता है।
बगदादी ने अपने ऐलान-ए-आतंक में बड़ी होशियारी से आगे की रणनीति का खुलासा भी किया है। उसने दावा किया है कि वो आपको हथियार उठाने के लिए बाध्य कर देगा। बगदादी के आतंकी पत्र में कहा गया है कि अगले हमलों की वजह से पश्चिमी देश इस्लाम और यूरोप के मुसलमानों के खिलाफ गोलबंद होंगे और इस चलते पश्चिमी देशों के मुसलमानों को भी हथियार उठाने पड़ेंगे ताकि वो अपनी हिफाजत कर सकें। उसके बाद यूरोप में भी इराक जैसा जेहाद पैदा होगा और ये किताब ही सही रास्ता दिखाएगी।
बगदादी ने पहली बार अपने मिशन भर्ती का भी खुलासा किया है, साथ ही नौजवानों को हूर के और जन्नत के सपने भी दिखाए हैं। आखिर किनपर भरोसा किया जाए और खुफिया दस्ते कैसे बनें, इसका पाठ भी ये काले झंडों से अटी शैतानी किताब पढ़ाती है। घोषणापत्र में कहा गया है कि उन इंसानों पर ही भरोसा करो जिनमें लड़ने की पूरी शिद्दत हो, न कि इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से प्रेम हो। पेरिस में कत्लेआम मचाने वाले अब्दल हमीद अब्बाउद ने न तो फोन से न ईमेल से लोग जुटाए और धमाके किए।
बगदादी किताब जंग में मारे जाने वालों को जन्नत दिखाता है। कहता है कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके अबु अब्द अर रहमान अत-तुर्की जंग टैंक का गोला लगने से मर गया लेकिन मरते मरते तक यही कहता रहा कि उसे हूर आती हुई नजर आ रही है। दरअसल, बगदादी ने उस भविष्यवाणी का सहारा लिया है जिसमें कहा गया है कि महादी या मुक्तिदाता आएगा और विश्व युद्ध छिड़ेगा। ये मुक्तिदाता ही दुनिया को बुराइयों से निजात दिलाएगा। आईएस रोज ही नौजवानों को ये जहर ये भुलावा देकर भटका रहा है, लेकिन ये पहला मौका है जब उसने भारत और भारत के नेतृत्व के लिए यूं जहर उगला है। ये पहला मौका है जब उसने भारत में अपने पैर फैलाने की बात इस तरह अपने घोषणापत्र में कही है।