बीती जुलाई में फ्रांस के शहर नीस में हुए हमले के बाद सबसे ज़्यादा इस्लामोफ़ोबिक ट्वीट्स दर्ज़ किए गए थे। पिछले महीने अंग्रेज़ी भाषा में ऐसे लगभग सात हज़ार रोज़ाना ट्वीट्स पोस्ट किए गए थे। ब्रिटेन के थिंक टैंक डेमोस के मुताबिक़, जुलाई की तुलना में अप्रैल में ऐसे 2,500 ट्वीट दर्ज़ हुए।
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नीस हमले और तुर्की में असफल तख़्तापलट के बाद इस तरह के पोस्टों की बाढ़ आ गई। डेमोस ने मार्च से जुलाई के दौरान ट्वीट किए गए संदेशों की जांच परख में पाया कि बहुत हद तक दो लाख 15 हज़ार ट्वीट्स इस्लाम विरोधी, नफ़रत वाले या फिर अपमानजनक थे। इनमें अधिकांश पोस्ट यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, फ्रांस और जर्मनी के लोकेशन से किए गए थे।
एक दिन में इस तरह के सबसे ज़्यादा ट्वीट करने का रिकॉर्ड 15 जुलाई को बना। इस दिन 21,190 इस्लामोफ़ोबिक ट्वीट किए गए। इससे एक दिन पहले नीस पर चरमपंथी हमला हुआ था, जिसमें 80 लोग मारे गए थे और इस हमले की इस्लामिक स्टेट ने ज़िम्मेदारी ली थी।
ट्विटर ने डेमोस के इस अध्ययन पर अपनी तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की है। [एजेंसी]
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