खंडवा – मसहूर कार्टूनिस्ट इस्माइल लहरी एक प्रोग्राम में शामिल होने खण्डवा पहुंचे इस अवसर पर हमारे संवाददाता जावेद खान से हुई कार्टूनिस्ट इस्माईल लहरी से खास बातचीत में उन्होंने अपने कही अनछुए पहलु साझा किए ।
मसहूर काटूनिस्ट इस्माइल लहरी खण्डवा के शासकीय संगीत कालेज के रुपसप्तक कार्यशाला में बतोर अथिति के तौर पर आए। लहरी खंडवा आकर बहुत खुस हुए उन्होंने कहा जैसे महिलाऐं अपने मायके आकर बहुत ख़ुश होती है वैसे मे भी बहुत ख़ुश हूँ।
लहरी निमाड़ के बड़वानी जिले के निवाली के रहने वाले है। वे बताते है की कार्टून विधि एक प्यारा सा मजाक है एक चुटकी है और सकरात्मक सन्देश भी है। लहरी ने निमाड़ की काफ़ी तारीफ की उन्होंने कहा कि निमाड़ के लोग जमीनी होते है, और निमाड़ी लोग बिना चेहरा लगाए जीते है सत्य को करीब से जानते है, वह मानते है निमाड़ की मिट्टी ने ही कार्टून विधि के लिए मुझे प्रेरित किया और धार भी इसी ने दी।
निमाड़ के लोगो को काटून की दुनिया में आना चाहिए , लहरी ने कहा पहले तो काटूनिस्ट अखबारों में नौकरी की तलाश में रहते थे ,लेकिन अब बहुत सी शंभावनाए है कार्टून की दुनिया अब बड़ी हो गई है।
अब टेलीविज़न पर जरुरत है विज्ञापनों में, सरकारी संदेश हो या अन्य विभाग , लगभग हर जगा कार्टून विधि माध्यम हो गई है, लहरी ने बताया की वह लगभग 30 सालों से कार्टून बना रहे है। लोगो का प्यार मिलता है अच्चा लगता है लोगो का प्यार और अपेक्षा मुझे और प्रेरित करती है ।