तेल अवीव : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जिन्हें कभी न हार मानने वाले राजनेता के तौर पर जाना जाता है, उन्होंने अपनी हार मान ली है। नेतन्याहू जिन्हें उनके करीबी बीबी के नाम से जानते हैं, वह सरकार बनाने में असफल रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही देश की जनता से सॉरी कहा है। इजरायल में सितंबर में फिर से चुनाव हुए थे। इस वर्ष अप्रैल में हुए चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और इसके बाद दोबारा चुनाव कराए गए थे।
नेतन्याहू, देश की राइट विंग लिकुड पार्टी के मुखिया हैं। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं और उन्हें उम्मीद थी कि वह एक विशाल गठबंधन की सरकार बना लेंगे। नेतन्याहू ने अपने प्रतिद्वंदी और पूर्व मिलिट्री चीफ बेनी गेंट्ज पर नजरें गड़ा रखी थीं। नेतन्याहू ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियों में उन्होंने कहा है, ‘कुछ समय पहले मैंने राष्ट्रपति को इस बात की जानकारी दी है कि मेरे पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं है।’ नेतन्याहू ने कहा कि बिना रुके और थके काम करने के बाद भी वह गेंट्ज के साथ मिलकर सरकार नहीं बना पाए। नेतन्याहू के शब्दों में, ‘पिछले कुछ हफ्तों में मैंने बेनी गेंट्ज के साथ समझौते की कई कोशिशें की। मैंने एक संगठित सरकार बनाने और देश को एक और चुनाव से बचाने का हर प्रयास किया।’ इसके बाद उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात का अफसोस है कि कई बार उन्होंने प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया।’
इसी बीच ब्लू एंड व्हाइट पार्टी ने अपने बयान में कहा है कि वह एक आजाद ख्यालों वाली संगठित सरकार, जिसका नेतृत्व बेनी गेंट्ज करते और जिसके लिए देश की जनता ने वोट दिया था, उसके लिए तैयार थी। पार्टी का कहना है कि समय पूरा हो चुका है और अब एक्शन लेना है। गेंट्ज के पास अब 28 दिन का समय है और इतनी समय सीमा में वह सरकार बनाने की कोशिशें करेंगे। अगर वह सरकार बनाने में असफल रहे तो फिर इजरायल को साल में तीसरी बार आम चुनावों का मुंह देखना पड़ेगा। इजरायल के अटॉर्नी जनरल अब इस बात का फैसला लेंगे कि आने वाले समय क्या नेतन्याहू पर तीन केसेज के तहत केस चलाया जाएगा या नहीं। वहीं, नेतन्याहू का कहना है कि वह राजनीतिक षडयंत्र का शिकार बने हैं और अगर उनके खिलाफ आरोप सही साबित हुए तो फिर वह इस्तीफा देने को तैयार हैं।