चेन्नई: आसमान में भारत की आंख कहे जाने वाले कार्टोसैट सीरीज के नवीनतम उपग्रह कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। इसके साथ गए अमेरिका के 13 छोटे उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक उनकी कक्षाओं में भेज दिया गया है।
कार्टोसैट-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैं इसरो टीम को पीएसएलवी-सी 47 द्वारा स्वदेशी कार्टोसैट-3 उपग्रह और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रहों के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई देता हूं। कार्टोसैट-3 हमारी हाई रिज्योलूशन इमेजिन क्षमता को बढ़ाएगा। इसरो ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है।
कार्टोसैट-3 को बुधवार सुबह श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया। यह दुश्मन की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेगा। इसे ले जाने वाले राकेट पीएसएलवी से अमेरिका के 13 छोटे उपग्रह भी भेजे गए। इसके पहले कार्टोसेट सीरीज के आठ उपग्रह भेजे जा चुके हैं।
बेहतर क्षमता और नवीनतम तकनीकी वाला यह उपग्रह श्रीहरिकोटा केंद्र से सुबह 9:28 बजे रवाना हो गया है। इसरो ने बताया, हाल ही में बनाई गई व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने पहले ही 13 अमेरिकी नैनोसैटलाइट प्रक्षेपित करने के लिए समझौता किया था। करीब 1625 किलोग्राम वजनी कार्टोसेट-3 को 509 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाएगा। कार्टोसेट-3 की आयु पांच वर्ष होगी।
उपग्रह के लिए इसरो ने मंगलवार सुबह 7:28 बजे उल्टी गिनती (काउंटडाउन) शुरू किया था। कार्टोसेट अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट ऐसी सैटेलाइट है जिससे पृथ्वी की साफ तस्वीर ली जा सकती है। इसकी तस्वीर इतनी साफ होगी कि किसी व्यक्ति के हाथ में बंधी घड़ी के समय को भी स्पष्ट देखा जा सकेगा। मुख्य रूप से इसका काम अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना है।
इसरो अप्रैल और मई में 2 सर्विलांस सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है। 22 मई को सर्विलांस सैटेलाइट रीसैट-2 बी और एक अप्रैल को ईएमआईसैट लॉन्च किया गया था। दोनों का मुख्य काम दुश्मनों की रडार पर नजर रखना है। सैटेलाइट के साथ इसरो भारत की रणनीतिक तैयारियों में अभूतपूर्व योगदान देगा।
Watch Live: Launch of Cartosat-3 and 13 USA’s Nanosatellite by PSLV-C47 https://t.co/wvdBy25uCG
— ISRO (@isro) November 27, 2019