बिहार के मुंगेर जिले के एक अभिरक्षा गृह से करीब तीन दर्जन बंदी रविवार (24 सितंबर) को फरार हो गये। पुलिस के अनुसार सोमवार (25 सितंबर) को 12 भागे हुए बंदी वापस लौट आए हैं, बाकियों की पुलिस को तलाश है।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार इस अभिरक्षा गृह में करीब 86 बंदी थे जिनमें से 34 भाग गये थे। भागने वालों में किशोर बंदियों के अलावा हत्या और बलात्कार के दोषी कैदी भी थे। बंदियों ने जेल की दीवार में छेद कर करके, लोहे की सलाखें और दरवाजे तोड़कर घटना का अंजाम दिया। मुंगेर के पुलिस प्रमुख आशीष भारती ने एएफपी से कहा, “बंदियों ने लोहे की सलाखे तोड़ दी और लोहे का दरवाजा भी काट दिया और रातोंरात भाग गये।”
पुलिस के अनुसार भागने वाले में बहुतों को गंभीर अपराधों के लिए अदालत द्वारा दोषी ठहराया जा चुका था। वहीं से कई ऐसे थे जिन पर हत्या, बलात्कार और चोरी जैसे आरोप में मुकदमा चल रहा है। पुलिस जेल तोड़ने की घटना की जांच कर रही है। फरार बंदियों की तलाश जारी है।
साल 2015 में बिहार के जहानाबाद में करीब 100 कैदी जेल से भाग गये थे। जहानाबाद के कैदियों ने चादरों को जोड़कर रस्सी बनाई थी जिसके सहारे वो दीवार पार करने में कामयाब रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में 18 साल की उम्र से कम के करीब 31 हजार आरोपी विभिन्न किशोर सुधार गृहों में हैं। इन सुधार गृहों में बंदूकधारी गॉर्ड नहीं होते।
बिहार में इस समय भारतीय जनता पार्टी और जनता दल गठबंधन की सरकार है। साल 2015 में जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था। हालांकि ये गठबंधन 20 महीने में ही टूट गया और जदयू ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे, जबकि बीजेपी नेता सुशील मोदी राज्य के उप-मुख्यमंत्री बने।