खंडवा [ TNN ] 2009 में खंडवा पदस्थ रहे जेल अधीक्षक मानेंद्र सिंह परिहार को पत्नी की श्वेता सिंह परिहार को आत्महत्या के लिए प्रेरित और दहेज प्रतारणा के आरोप में जिला न्ययालय ने 10 साल जेल सहित एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई । इस मामले न्ययालय ने जेल अधीक्षक मानेंद्र सिंह परिहार के परिवार के 4 सदस्यों भाई, भाभी, पिता और एक अन्य रिश्तेदार को भी 7 की सजा के साथ एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है ।
खंडवा के बहुचर्चित श्वेता परिहार आत्महत्या कांड में आज खंडवा जिला न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए उनके पति मानेन्द्रसिंह, ससुर मोहन सिंह, जेठ जागवेन्द्र सिंह, जेठानी श्रद्धा सिंह और एक अन्य रिश्तेदार हरेसिंह को अलग-अलग धाराओं में 7 से 10 साल तक की सजा और एक लाख तीस हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई। मानेन्द्र सिंह 2009 में खंडवा जेल के अधीक्षक थे। तभी उनके सरकारी आवास में उनकी पत्नी श्वेता सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। श्वेता की शादी को 6 महीने ही हुए थे। मानेन्द्र सिंह वर्तमान में दमोह जेल के अधीक्षक है और उनके पिता वर्तमान में हरदा के तहसीलदार है।
मानेन्द्र सिंह परिहार सन 2009 में जिस खंडवा जेल के अधीक्षक थे। आज वह खुद उसी जेल के कैदी हो गए। न्यायालय ने उन्हें उनके पिता मोहनसिंह, भाई जागवेन्द्र सिंह को अलग-अलग धाराओं में 10 साल और उनकी भाभी श्रद्धा सिंह एवं हरेसिंह को 7 साल की सजा और एक लाख रूपये से ज्यादा के जुर्माने की सजा सुनाई।
श्वेता परिहार की शादी 21 जून 2009 को मानेन्द्र सिंह के साथ हुई थी। मानेन्द्र सिंह उस समय खंडवा जेल के जेल अधीक्षक थे। शादी के 6 महीने बाद 17 दिसम्बर 2009 को श्वेता ने जेल अधीक्षक के सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली थी। श्वेता के परिजनों ने मानेन्द्र सिंह और उनके परिजनों पर हत्या, घरेलू हिंसा और दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज कराया था। आज श्वेता के परिजनों ने न्यायालय के इस फैसले पर खुशी जाहिर की और इस मामले को उठाने के लिए मीडिया की सराहना की।
ये मामला पांच साल से कोर्ट में विचाराधीन था। इस दौरान मानेन्द्र सिंह और उनके परिजन शासकीय सेवा में स्थानांतरित होते गए। वर्तमान में मानेन्द्र सिंह दमोह जेल अधीक्षक है, उनके पिता मोहन सिंह हरदा में तहसीलदार है, भाई जागवेन्द्र सिंह पटवारी है और भाभी रीवा में एक्साईज इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ है। न्यायालय ने सभी को जेल भेज दिया।