चंपापुर दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर प्रांगण के कमरे में जैन मुनि विप्रन सागर महाराज ( 36 ) की लाश पंखे से लटकी मिली। कमरा बंद था।
सिटी डीएसपी राजवंश सिंह के मुताबिक बुधवार सुबह उनकी लाश का पोस्टमार्टम जवाहरलाल नेहरू भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में कराया गया है।
पोस्टमार्टम कराने का पहले जैन साध्वी विरोध कर रही थी। बाद में समझाने पर वे तैयार हो गईंं। चंपापुर जैन सिद्ध क्षेत्र के महासचिव सुनील कुमार जैन के मुताबिक उनकी समाधि का इंतजाम सिद्ध क्षेत्र में ही किया गया है। उनका जैन विधि-रीति से अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले जैन धर्म के मानने वाले उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।उनका मृत शरीर मंदिर प्रांगण में रखा गया। जैन मुनि के आत्महत्या की वजह का पता नहीं चला है।
सिटी डीएसपी बताते है कि खुदकुशी की वजह जानने के लिए पुलिस कोशिश में लगी है। तहकीकात की जा रही है।
जैन मुनि विप्रन सागर महाराज मूल तौर पर मध्यप्रदेश के दमोह ज़िले के हथनी गांव के वाशिंदे थे। और झारखंड के गिरिडीह मधुबन स्थित जैनियों के तीर्थस्थल सम्वेद शिखर से पैदल यात्रा कर चातुर्मास करने भागलपुर आए थे।
भागलपुर के चंपापुर में चातुर्मास करने का अलग महत्व माना जाता है। वह यहां छह महीने पहले पहुंचे थे।
जैन मंदिर के गार्ड धनराज सिंह के मुताबिक रोज की तरह मंगलवार को जैन मुनि भोजन करने के बाद साढ़े बारह बजे कमरे में साधना करने गए। शाम साढ़े चार बजे से पांच बजे तक ये जैन अनुयायियों से मिलते थे।
मगर इस रोज शाम साढ़े सात बजे तक कमरे से बाहर नहीं निकले। तो शंका हुई। दरवाजा खटखटाया गया। तो भी कोई हरकत नहीं हुई। तब दरवाजा गार्ड ने तोड़ा। सब देख हैरत में पड़ गए। जैन मुनि का शरीर फंदे के सहारे पंखे से लटका था।
गार्ड ने मंदिर के प्रबंधकों समेत नाथनगर पुलिस को सूचना दी । जुटे श्रद्धालु मंत्रोचारण करने लगे। पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में ले छानबीन शुरू की।
एक बात चर्चा में आई कि जैन मुनि ने सुसाईड नोट लिख छोड़ा है। मगर डीएसपी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।