खंडवा – तेरह दिनों से जारी जल सत्याग्रह अब भी निरंतर जारी है। जल सत्याग्रह कर रहे लोग अपनी मांगो को लेकर पानी में खड़े है। तेरह दिन से लगातार पानी में खड़े रहने से इन सत्याग्रहियों की हालत ख़राब होने लगी हैपर इनके हौसले में कोई कमी नहीं आई है। हाथ पैर पानी में गलने लगे है उनसे खून भी निकलने लगा है। पर सरकार का दिल अब भी नहीं पिघला उल्टा कभी इन्हे देश द्रोही तो कभी नौटंकीबाज कहा गया। लेकिन यह अपनी मांगे मनवाने के लिए सब सह गए पर अब यूवाओ में इस गलत बयानबाजी को लेकर गुस्सा पनपने लगा है। हलाकि कल इस ही क्षेत्र में मुख्यमंत्री का दौरा है जहा वो एक सिचाई परियोजना का उद्धघाटन करेंगे इन सत्याग्रहियों के यह उम्मीद है की शिवराज उनके लिए भी कुछ न कुछ जरूर सोचेंगे।
जल सत्याग्रह को आज तेरह दिनों हो गए पर जोश वाही जो पहले दिन था। हलाकि अब इन सत्याग्रहियों की हालत कुछ बिगड़ती दिखाई दे रही है। पानी में लगातार खड़े रहने से इन के हाथ पैर गलने लगे है जैसा की आप इन तस्वीरों में देख सकते है की अब इनके पैर की एड़ियो से खून भी निकल रहा है पर जिसका सब कुछ ही पानी में डूब गया हो वो भला जमीन पर रहकर क्या करे। हां एक उम्मीद लिए ये सत्य का आग्रह करने जरूर इस पानी में अपने आप को तकलीफ पंहुचा रहे है ताकि सरकार जगे और इन्हे इनका सही हक़ मिल पाए। जिला प्रशासन ने कल एक मेडिकल टीम इनके स्वस्थ की जाँच के लिए जरूर भेजी जहा इनका स्वस्थ परिक्षण भी किया गया पर दवा लेने से इन सत्याग्रहियों ने माना कर दिया इनका कहना है की इनकी दवा दो सरकार के पास है सरकार इन को इनका हक़ दे दे वही इनका इलाज़ है।
पिछले दिनों जल सत्याग्रहियों को लेकर राजनितिक हलको में खूब बयानबाजी हुई जहा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इन सत्याग्रहियों के साथ दिखी वही भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस पुरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है तो वही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय संसद ने इन्हे देशद्रोही और नौटंकीबजा बोल कर मामले को गरमा दिया। अब सत्याग्रहियों ने भी इस बयान को लेकर अपना गुस्सा जाहिर लिया है। सत्याग्रह कर रहे लोगो ने तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को यह तक कह डाला की आप आर ओ के शुद्ध पानी में मात्र चार घंटे ही हाथ डाल के बैठ जाए पता चल जायगा के नौटंकी क्या होती है और हकीकत क्या।
साइन ऑफ़ – कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ओम्कारेश्वर बांध क्षेत्र में ही दौरा है अब देखना यह है की शिवराज इन जल सत्याग्रहियों के लिए क्या कदम उठाते है।
घोघल गाँव से live रिपोर्ट – निशात सिद्दीकी /आदर्श तिवारी