श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि अलगाववादी हुर्रियत नेता सरकार के साथ बातचीत को तैयार हैं। उन्होंने इसे सकारात्मक पहल बताया। श्रीनगर में सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले निवासियों को दूरदर्शन के फ्री-टू-एयर सेट-टॉप बॉक्स के वितरण के कार्यक्रम के दोरान उन्होंने ये बयान दिया। सत्यपाल मलिक ने कहा कि पहले वही हुर्रियत नेता बातचीत पर अपने दरवाजे बंद कर रहे थे, लेकिन अब सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
वरिष्ठ अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के शुक्रवार के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कश्मीरी युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की। राज्यपाल ने इसे स्वागत योग्य बयान बताया। उन्होंने कहा कि नशा एक बड़ा खतरा है। ये यहां के युवाओं में फैल रहा है। जम्मू में स्थिति खराब है, पंजाब इस कारण नष्ट हो रहा है। मलिक ने कहा कि हुर्रियत की सामाजिक मुद्दों पर की जा रही बातचीत का स्वागत होना चाहिए। मलिक ने कहा कि हुर्रियत की सामाजिक मुद्दों पर की जा रही बातचीत का स्वागत होना चाहिए। मीरवाइज को शुक्रवार को दो दिन के लिए श्रीनगर स्थित उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया था।
J&K Governor Satya Pal Malik: We should work with noble intentions. The manner in which the youth is being misled that they will ascend to heavens…they actually have two heavens, one in Kashmir, and the other which they will get later if they stay a good Muslim. https://t.co/i8VVsBUkLi
— ANI (@ANI) June 22, 2019
मीरवाइज ने श्रीनगर में एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार को बड़ा जनादेश मिला है। ऐसे में मोदी सरकार को कश्मीर मसले के समाधान के लिए सभी पक्षों से बात करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के ऐसे किसी भी सकारात्मक प्रयास का हुर्रियत समर्थन करेगी। हुर्रियत का यह नरम रुख कश्मीर की सियासत और हालात में आ रहे एक बड़े बदलाव का संकेत कर रहा है।
युवाओं को किया जा रहा है गुमराह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हमें नेक इरादों के साथ काम करना चाहिए। जिस तरह से युवाओं को गुमराह किया जा रहा है कि वे स्वर्ग की ओर बढ़ेंगे। उनके पास वास्तव में दो स्वर्ग हैं, एक कश्मीर में, और दूसरा जो उन्हें बाद में मिलेगा यदि वे एक अच्छे मुस्लिम बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद होने वाली पत्थरबाजी लगभग बंद हो गई है। हम युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाना चाहते हैं। उसके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन यह सच है कि अगर सामने से फायरिंग होती है तो आप गुलदस्ते नहीं दे सकते। जनरल साहब गोलियों से गोलियों का जवाब देंगे।
मोदी सरकार ने दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद 12 जून को केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन की अवधि और 6 महीने के लिए बढ़ा दी थी। पिछले साल राज्य में मुफ्ती सरकार गिरने के बाद राज्यपाल शासन लागू हो गया था। गौरतलब है कि 1 जुलाई से पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है, जो 15 अगस्त तक चलेगी। इसके के बाद चुनाव आयोग सूबे में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर हालात का जायजा लेने की कवायद शुरू कर सकता है।