जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इसके साथ ही लद्दाख को भी एक अलग केंद्रशासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया।
गृह मंत्री ने लद्दाख के लिए केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की, जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी।
शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा, जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोग लंबे समय से लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज प्रदान करने की मांग करते रहे हैं, जिससे वहां की जनता अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया है। जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानसभा होगी। लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
ह मंत्री अमित शाह ने इसके साथ ही राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश कर दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है।
अमित शाह के संकल्प पेश करने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। हंगामे के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद अपनी बात रखी।
पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर को तीन भागों में बांटने जा रही है।
घाटी में छाए असमंजस के कुहासे में ये खबर हवा में ये तैर रही थी कि मोदी सरकार राज्य को तीन भाग में विभाजित कर सकती है, जिसमें जम्मू, लद्दाख और कश्मीर दो अलग-अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जा सकते हैं।
इस पर आज फैसला आ गया है और लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया
है।