बेंगलुरु- कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को बरी कर दिया। कोर्ट ने जया के साथ तीन अन्य सह अभियुक्तों को भी बरी कर दिया है।
जया समेत चारों ने पिछले साल विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति माइकल डी’कुन्हा द्वारा सुनाए गए फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। 27 सितंबर, 2014 को विशेष अदालत ने जयललिता और तीन अन्य अभियुक्तों को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया था। जयललिता को चार साल जेल और सौ करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। तीनों अन्य दोषियों को चार साल जेल के साथ 10-10 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। इस फैसले के बाद जयललिता को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश सीआर कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय तीन महीने की मियाद से ठीक एक दिन पहले अपना फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद अन्नाद्रमुक समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। सड़कों पर उतरे लोगों ने जगह-जगह पटाखे और मिठाईयां बांटकर अपनी खुशी का इजरार करना शुरु कर दिया है। हाई कोर्ट के आसपास कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए वहां काफी तादाद में सुरक्षा बल तैनात हैं।
जयललिता ने अपनी दलील में तत्कालीन द्रमुक सरकार पर जान-बूझकर संपत्ति का यादा मूल्यांकन करने का आरोप लगाया था। जया ने आभूषण सहित तमाम संपत्ति कानूनी रूप से वैध तरीके से अर्जित करने का दावा किया था।
एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा। अन्नाद्रमुक को जया का नेतृत्व विपक्ष के लिए झटका साबित होगा। विस चुनाव में पैर जमाने की भाजपा की उम्मीदों पर ग्रहण लग जाएगा। अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से चुनाव की तैयारियों में लग जाएंगे।