पटना: बिहार में सत्ताधारी जेडीयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में पूर्व मंत्री रमई राम, सीतामढ़ी से पूर्व सांसद अर्जुन राय, वैशाली से पूर्व विधायक राजकिशोर सिन्हा, पूर्व विधान परिषद सदस्य विजय वर्मा सहित 21 नेताओं को तत्काल प्रभाव से दल की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। जेडीयू के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इन नेताओं को तत्काल प्रभाव से दल की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
उन्होंने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में जेडीयू के जिन अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें पार्टी जिलाध्यक्ष सहरसा, धनिकलाल मुखिया, पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष एवं राज्य परिषद सदस्य मधेपुरा, सियाराम यादव, जेडीयू श्रमिक प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विन्देश्वरी सिंह, राज्य परिषद सदस्य मुजफ्फरपुर, इसराईल मंसूरी, तकनीकी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मिथलेश कुशवाहा समेत अन्य नेता शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि जेडीयू ने बिहार में बीजेपी के साथ हाथ मिलाने का विरोध कर रहे अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शरद यादव को 12 अगस्त को उच्च सदन में पार्टी के नेता पद से हटा दिया था। 11 अगस्त को जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन करने की आलोचना करने वाले अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य अली अनवर को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने पर संसदीय दल से निलंबित कर दिया था।
गौरतलब है कि होटल के बदले भूखंड मामले में तेजस्वी प्रसाद यादव के ‘जनता की अदालत’ में सफाई नहीं देने पर महागठबंधन से नाता तोड़कर मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 27 जुलाई को बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली थी। शरद यादव और अली अनवर ने नीतीश के इस फैसले पर विरोध जताया था और इसे 2015 में महागठबंधन (जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस) को मिले जनादेश और जनता के विश्वास पर आघात बताया था।