बुजुर्गों की हमेशा यह नसीहत रही है कि सोना बुरे वक्त में काम आता है। मगर अब लोगों की सोच बदली है। मौजूदा दौर में सोना फैशन और स्टाइल स्टेटमेंट के साथ आमदनी का भी साधन बन गया है। सोने के दाम में प्रायः उतार-चढ़ाव के कारण लोगों के मन में यह अक्सर सवाल उठता है कि अभी सोना खरीदें या नहीं? सोना खरीदने का सही समय कौन सा होगा? कई सवाल मन में घूमते हैं। दाम कभी ऊपर तो कभी नीचे। इस कारण लोग इसे खरीदने से कतराते रहते हैं। पर शादी-ब्याह जैसे मौके के लिए सोना खरीदना और सोेने के गहने बनवाना लोगों के लिए जरूरी हो जाता है चाहे उसके दाम कुछ भी हों।
आजकल लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा फ्रिज, प्लाज्मा टीवी, कार, फर्नीचर आदि ऐशोआराम की चीजें खरीदने में लगा रहे हैं। यह सब शहरी जीवन के लिए जरूरी वस्तुएं हैं, जिन्हें खरीदना खाते-पीते परिवारों में आम बात है। पर जब बात आती है सोना खरीदने का तब लोग कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाते हैं आखिर सोने के जेवर खरीदने का सबसे सही समय क्या है?
सुधा ने जब अपने लिए सोने के कंगन बनवाने के बारे में सोचा तो वह सोने के दाम सुनकर कुछ दिन रुक गई ताकि दाम कुछ कम हो जाएं। पर दाम कम होते न देख आखिर उसने कंगन खरीदने का मन बना ही लिया। मगर दुकानदार के यह कहने पर कि सोने का भाव फिर बढ़ गया है तो वह सोच में पड़ गई। सुधा जैसी कितनी महिलाएं हैं जो सोने के गहने खरीदना तो चाहती हैं पर बढ़ते दामों के कारण मन मसोस कर रह जाती हैं। सोने का मार्वेहृट अधिकतर जुलाई और अगस्त में थोड़ा नीचे रहता है पर फिर भी इनके दाम लगभग 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं घटते।
हाउस वाइफ नीतू कहती हैं कि सोने का दाम इतना अधिक है कि इसे खरीदना हमारे बूते में नहीं है। हम तो सोने के दाम कम होने का इंतजार करेंगे। नीतू जैसी पता नहीं कितनी गृहणियां हैं जो सोने के दाम कम होने का इंतजार ही करती रह जाती हैं। तब तक उनका गहनों के प्रति आकर्षण कम हो जाता है। सोने के दामों में तीज-त्योहारों और शादी ब्याह के मौकों पर जबरदस्त उछाल आता है ऐसे में सोने के गहने बनवाना मुश्किल हो जाता है। पर कई ऐसे लोग हैं जो इन सीजन के शुरू होने से पहले ही गहने बनवाना शुरू कर देते हैं।
दुनिया भर में सोने के कद्रदान भारत से सबसे ज्यादा हैं। पूरे उत्पाद की 25-30 प्रतिशत खपत भारत में है। वैसे तो पूरे साल सोना खरीदने का समय रहता है और लोग खरीदते भी हैं पर मानसून में थोड़ा दाम में फर्क के कारण लोग ज्यादा खरीदते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार सोने के असली खरीदार शहरों से ज्यादा गांवों में हैं। गांवों के लोग अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा सोना खरीदने में खर्च करते हैं। जहां शहरों में लोग ऐशो-आराम की चीजें खरीदने में अपना पैसा लगाते हैं। वहीं गांवों में लोग सोना खरीदने में या घर बनाने में अपनी पूंजी लगा देते हैं।
सदियों से सोना महिलाओं को आर्कषित करता रहा है। मगर बढ़ती कीमतों ने महिलाओं को निराश किया है। लेकिन आप चाहें तो भारी-भरकम गहनों के बदले हल्के गहने भी ले सकती हैं। अब कई ब्रांड के गहने हल्के वजन में भी मिलने लगे हैं जिससे लोगों को थोड़ी रहत मिली है और सोना पहनने की हसरत पूरी हुई है।
दरअसल अगस्त के बाद त्योंहारों और शदियों का मौसम शुरू हो जाता है और अगर आप गहनों के बारे में सोच रहे हैं तो फिर कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही खरीदें क्योंकि सोना खरीदना भी निवेश का अच्छा विकल्प है। हमेशा क्लासिक डिजाइन के छोटे गहने खरीदें। वैसे तो जूलरी हर जगह मिलती है पर आप यह तय कर लें कि आपको गहने किसी अच्छी दुकान से खरीदने हैं।
अपने गहनों पर हॉलमार्क के निशान और उसका प्रमाण पत्र लेना न भूलें। कभी भी क्लाविटी के साथ समझौता न करें। अपनी सुविधा को ध्यान में रखकर गहने खरीदें। फैशन और दिखावे या प्रतिद्वंद्विता के चक्कर में न पड़ें। गहनों के डिजाइन और उसके टिकाऊ होने का ध्यान रखें। अगर आप सोने के साथ डायमंड जड़ा गहना खरीदना चाहते हैं तो हमेशा पहचान की दुकान से खरीदें और डायमंड का प्रमाण पत्र लेना न भूलें।
पीले सोने के जेवरों की मांग एक बार फिर फैशन में है। यह डायमंड के साथ और बगैर डायमंड के भी मिलते हैं। लम्बी चेन, ब्रेसलेट, लम्बी एयरिंग और बड़ी-बड़ी अंगूठियां आजकल चलन में हैं। पुरुषों क लिए चेन, अंगूठी और ब्रेसलेट की जगह टाइपिन और कफलिंग ने ले ली है। अगर आप वर्किंग है तो हल्के गहने पहनें।